वीडियो: कांग्रेस और भाजपा दोनों ही कर्नाटक के ओल्ड मैसूर क्षेत्र में पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, जद (एस) फिर से त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाने के लिए इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी.
वीडियो: कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र को पहले मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. यह क्षेत्र कर्नाटक विधानसभा में 50 विधायक भेजता है. 2018 के विधानसभा चुनावों में क्षेत्र की कुल 50 सीटों में से भाजपा ने 30 और कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि जद (एस) को सिर्फ़ 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.
विवादास्पद फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ में दावा किया गया था कि केरल की 32,000 महिलाओं का धर्म परिवर्तित हुआ है और वे आईएसआईएस में शामिल हो गई थीं. विवाद के बाद निर्मार्ताओं ने इस दावे को हटाने की बात कही है. वहीं, कर्नाटक में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी फिल्म के पक्ष में नज़र आए.
सूरत अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट हरीश हसमुखभाई वर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दोषी ठहराते हुए उन्हें दो साल की सज़ा सुनाई थी. वर्मा समेत 68 न्यायिक अधिकारियों को 65 प्रतिशत कोटा नियम के तहत ज़िला न्यायाधीशों के पद पर पदोन्नति के गुजरात सरकार और हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
भले ही ज़्यादातर चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कांग्रेस आगे है, मगर पिछले चुनावी प्रदर्शनों को पैमाना बनाएं तो मत प्रतिशत के मामले में यह पीछे रही है. साथ ही, कांग्रेस नेताओं को यह डर भी है कि यदि पार्टी बड़े अंतर से नहीं जीती तो भाजपा के धनबल के सामने टिकना उसके लिए आसान नहीं होगा.
वीडियो: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रचार अभियान के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं. इसे लेकर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के काम को लेकर निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका सुनने से इनकार कर दिया हो, लेकिन द वायर द्वारा पड़ताल किए गए विपक्षी नेताओं से जुड़े मामलों में कई विसंगतियां और सवाल मिले हैं, जिनके जवाब दिए जाने की ज़रूरत है.
निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान बयानबाज़ी के स्तर में गिरावट को गंभीरता से लेते हुए सभी राष्ट्रीय और राज्य के दलों और उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान अपने बयानों में सावधानी और संयम बरतने तथा चुनाव के माहौल को ख़राब न करने के लिए कहा है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है. इस पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पार्टी ने पहले भगवान राम को ताले में बंद किया था और अब यह जय बजरंग बली का नारा लगाने वालों को बंद करना चाहती है.
‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली दो साल की सज़ा पर रोक लगाने संबंधी याचिका सत्र अदालत में ख़ारिज होने बाद गुजरात हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई जस्टिस हेमंत एम. प्रच्छक कर रहे हैं. वह 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े एक के मामले में आरोपी भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी का बचाव करने वाले वकीलों में से एक थे.
वीडियो: फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सरकारी चूक होने की बात कहकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी नहीं, कोई और प्रधानमंत्री होगी.
सीबीआई ने जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाला मामले में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से नई दिल्ली में उनके आवास पर पूछताछ की. मलिक ने कहा कि वह इस मामले में शिकायतकर्ता हैं. सीबीआई को शिकायतकर्ता से इस तरह से सवाल पूछने की ज़रूरत नहीं है.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि पीएम केयर्स फंड में 60 प्रतिशत धन सरकार स्वामित्व वाले उपक्रमों से आने के बावजूद इसमें कोई पारदर्शिता और जवाबदेही क्यों नहीं है. यह किसी ऑडिट या आरटीआई के दायरे में क्यों नहीं आता. पार्टी ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती है, तो पीएम केयर्स फंड का कैग ऑडिट कराएगी.
मंगलवार को बेलगावी ज़िले में एक चुनावी जनसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो राज्य का विकास 'रिवर्स गियर' में होगा. वंशवाद की राजनीति चरम पर होगी और कर्नाटक दंगों से पीड़ित होगा. इस बयान को लेकर कांग्रेस में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है.
‘मोदी सरनेम’ आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से सूरत की एक अदालत के इनकार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हालांकि जस्टिस गीता गोपी ने बिना कोई कारण बताए मामले की सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया.