एक तमिल समाचार पत्रिका के संपादक और आरएसएस विचारक स्वामीनाथन गुरुमूर्ति ने साल 2018 में तब दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यरत जस्टिस एस. मुरलीधर के ख़िलाफ़ ट्वीट किया था. इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा गुरुमूर्ति के ख़िलाफ़ अवमानना का मामला दायर किया गया था.
मामला एक 22 वर्षीय युवक से जुड़ा है जिस पर ट्रेन में बम होने की फ़र्ज़ी सूचना देने का आरोप है. आरोपी के ख़िलाफ़ राजद्रोह से संबंधित धारा 124 ए भी लगाई गई है. इसे लेकर फरीदाबाद की एक अदालत ने पुलिस को फटकारते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा किए गए अपराध को बढ़ाने के लिए इसे ग़लत तरीके से जोड़ा गया है.
एक तमिल समाचार पत्रिका के संपादक और रिज़र्व बैंक के अंशकालीन निदेशक एस. गुरुमूर्ति ने बीते साल जस्टिस एस. मुरलीधर के ख़िलाफ़ एक लेख री-ट्वीट किया था. इसके ख़िलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट ने उन पर अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी.
देश में अपने तरह के पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश को अवमानना मामले में छह महीने की सज़ा सुनाई थी.