वीडियो: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान जब अधिकतर लोग अपने घरों में बंद थे, तब अनेकों ट्रक ड्राइवर्स आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए सड़कों पर एक शहर से दूसरे शहर जा रहे थे. ऐसे ही कुछ ड्राइवरों से याक़ूत अली की बातचीत.
25 साल के हरीराम चौधरी द्वारका में रहकर मार्बल काटने का काम करते थे, जो दो महीने से ठप है. पांच दिन पहले अपनी मां की मौत की ख़बर पाने के बाद से वे घर जाने की उम्मीद लिए पैदल ही शहर भर की खाक़ छान रहे हैं.
कोविड-19 लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने सात मई से ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत की है, लेकिन इस मिशन की सूची में श्रीलंका का नाम न होने से वहां करीब दो महीनों से फंसे भारतीयों में नाराज़गी है.
गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को आदेश जारी कर कहा था कि सभी नियोक्ताओं को लॉकडाउन के दौरान अपने श्रमिकों की सैलरी में कोई कटौती किए बिना पूरी सैलरी देनी होगी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रवासी मज़दूरों से बीते दिनों मुलाकात की थी. राहुल गांधी के इस क़दम को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें ड्रामेबाज़ बताया था. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
कोरोना संकट से बढ़ती बेरोजगारी में मनरेगा रोजगार गारंटी योजना ही एकमात्र सहारा रह गया है. लोगों को रोजगार देने की उचित नीति नहीं होने के कारण मोदी सरकार को अपने कार्यकाल में मनरेगा का बजट लगभग दोगुना करना पड़ा है और हाल ही में घोषित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये को जोड़ दें तो ये करीब तीन गुना हो जाएगा.
उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से वापस लौटे श्रमिकों को काम देने की बात कही है, लेकिन उसके नए श्रम क़ानून यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदेश के मज़दूर वह न्यूनतम वेतन भी न पा सकें, जिससे वे अपने लिए एक न्यूनतम संसाधनों वाली ज़िंदगी बनाए रख सके.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पैदल अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर वह मजदूरों की मौजूदा स्थितियों के मद्देनजर आदेश जारी नहीं करती है, तो उसकी भूमिका के साथ न्याय नहीं होगा.
यह प्रस्ताव 35 देशों और यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों की ओर से पेश किए गए सात पेज के मसौदा प्रस्ताव का हिस्सा है. अमेरिका और चीन इस प्रस्ताव का हिस्सा नहीं हैं.
वीडियो: गल्फ न्यूज़ के पूर्व संपादक ख़ालिद अल-मीना भारत में कोरोना और मुस्लिमों को लेकर हुए विवादों पर कहते हैं कि मैं भारत के हिंदू भाइयों को मैसेज देना चाहता हूं कि अरब में जब कोरोना आया तो हमने धर्म-पहचान-देश देखे बिना सबको बराबर का इलाज दिया.कुछ बुरे लोगों को अपने देश का नाम ख़राब मत करने दीजिए, हिंसा की बात मत कीजिए. उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
देश में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 96,169 हो गए हैं, जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर तीन हज़ार से अधिक हो गई है.
देश पिछले 54 दिनों से लॉकडाउन में है. हालांकि बावजूद इसके कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं.
मध्यम वर्ग को पता है कि छह साल में उसकी कमाई घटी ही है, बिजनेस में गच्चा ही खाया है. उसके मकानों की कीमत गिर गई है, हर राज्य में सरकार नौकरी की प्रक्रिया की दुर्गति है, वह सब जानता है, लेकिन ये समस्याएं न तो नौजवानों की प्राथमिकता हैं और न ही उनके मध्यमवर्गीय माता-पिता की.
हाईकोर्ट ने कहा कि कोविड-19 संकट काल में प्रवासी मज़दूर और कृषि कामगार काफी उपेक्षित हैं. अदालत ने ऐसे मज़दूरों के बारे में केंद्र और राज्य सरकारों से 22 मई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना आथिक पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त में मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधनों के संबंध में घोषणाएं की.