मीडिया बोल: मीडिया में मौतें, मायूसी और बढ़ती बेकारी!

वीडियो: राजधानी दिल्ली में 37 वर्षीय कोरोना वायरस से संक्रमित एक पत्रकार ने एम्स की चौथी मंजिल से कूदकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली है. उनके निधन के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

हम डॉक्टर्स को योद्धा कह रहे हैं, क्या उन्हें वेतन नहीं दे सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

नॉर्थ एमसीडी के हिंदू राव और कस्तूरबा अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स को वेतन न मिलने की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब वकील अदालत में आकर कहते हैं कि उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान पैसा चाहिए तो डॉक्टर, जो कोरोना योद्धा हैं, उन्हें भी तो वेतन चाहिए.

दिल्ली: क्या कोरोना संक्रमित पत्रकार तरुण सिसोदिया ने वाकई आत्महत्या की?

दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर में कोविड-19 का इलाज करा रहे दैनिक भास्कर में कार्यरत पत्रकार तरुण सिसोदिया की बीते छह जुलाई को मौत हो गई. एम्स प्रशासन ने दावा किया था कि उन्होंने अस्पताल की चौथी मंज़िल से कूदकर जान दे दी. उनकी मौत की जांच किए जाने की मांग के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक जांच समिति का गठन किया है.

ओटीटी प्लेटफॉर्म के कंटेंट अपने दायरे में लाने की तैयारी में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय

डिजिटली प्रसारित होने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आईटी मंत्रालय के तहत आते हैं. अब इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाले कंटेंट को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है.

भारत-नेपाल के बीच तनाव का ख़ामियाज़ा सरहद के दोनों ओर के नागरिक भुगत रहे हैं

भारत और नेपाल के बीच मौजूदा तनाव के चलते दोनों देशों के सीमांत गांवों के बीच आवाजाही एकदम ठप है. दोनों ओर के स्थानीय मानते हैं कि इसका नुकसान आम लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है.

दिल्ली: कई महीनों से नहीं मिला वेतन, कस्तूरबा अस्पताल की नर्सों ने किया प्रदर्शन

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कस्तूरबा अस्पताल की एक नर्स का कहना है, 'बीते कई सालों से समय पर तनख़्वाह नहीं आती थी, इस बार तीन महीनों से नहीं मिली है. अगर हमें सैलरी ही नहीं मिलती है, तो हम अपनी जान जोखिम में क्यों डाल रहे हैं?'

बिहार: मिड-डे मील न मिलने से कबाड़ बीनने को मजबूर बच्चे, एनएचआरसी ने नोटिस जारी किया

बिहार के भागलपुर ज़िले में मिड-डे मील बंद होने के कारण ग़रीब परिवार से आने वाले बच्चों के कूड़ा बीनने और भीख मांगने के साथ ठेकेदारों के पास काम करने का मामला सामने आया है.

दिल्ली: कोरोना संक्रमित पत्रकार की मौत, एम्स प्रशासन का दावा- छत से कूदकर दी जान

पत्रकार तरुण सिसोदिया के निधन के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मामले की जांच आदेश देते हुए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. तरुण ​दैनिक भास्कर अख़बार में कार्यरत थे.

मिड-डे मील: बंगाल में बच्चों को सिर्फ़ चावल और आलू मिला, वो भी प्रावधान से काफी कम

द वायर द्वारा आरटीआई के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि लॉकडाउन के दौरान पश्चिम बंगाल में अप्रैल महीने में 2.92 लाख और मई महीने में 5.35 लाख बच्चों को मिड-डे मील योजना का कोई लाभ नहीं मिला है.

15 अगस्त तक वैक्सीन लॉन्च करने की घोषणा अव्यावहारिक: भारतीय विज्ञान अकादमी

आईसीएमआर द्वारा 15 अगस्त तक कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराने की समयसीमा पर देश की सबसे बड़ी विज्ञान अकादमी ने कहा है कि संक्रमण से लड़ने के लिए मानव शरीर में एंटीबॉडी बनने, उसके असर, डाटा रिपोर्टिंग आदि के लिए एक लंबा समय चाहिए होता है. अगर इसमें किसी तरह की कोताही बरती गई तो बड़ा नुकसान हो सकता है.

पीआईबी ने आधिकारिक बयान से हटाई विज्ञान मंत्रालय की 2021 से पहले वैक्सीन उपलब्ध न होने की बात

भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि देश में 140 वैक्सीन में से 11 मानव परीक्षण के लिए तैयार हैं लेकिन 2021 से पहले इनके बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की गुंजाइश कम ही है. पीआईबी ने इस सूचना को जारी करते हुए 2021 से पहले वैक्सीन उपलब्ध न होने की जानकारी को इस बयान से डिलीट कर दिया.

गुजरात: दो शवदाहगृहों पर विरोध के बाद नदी किनारे करना पड़ा कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार

मामला गुजरात के भरूच ज़िले का है. दो कोरोना संक्रमित मरीज़ों के शव का दाह संस्कार करने के दौरान दो शवदाहगृहों के पास रहने वाले लोगों ने विरोध किया. लोगों का कहना था कि धुएं से संक्रमण फैलने का ख़तरा है.

क्या कोरोना वायरस का टीका विकसित करने में आईसीएमआर जल्दबाज़ी दिखा रहा है?

आईसीएमआर की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस का टीका तेजी से बनाने का उद्देश्य अनावश्यक लालफीताशाही कम करना है. हालांकि आईसीएमआर द्वारा 15 अगस्त तक वैक्सीन बनाने के दावों पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सवाल खड़े किए हैं. यहां तक कि टीका विकसित कर रही कंपनी भी अक्टूबर से पहले इसका ट्रायल पूरा करने से इनकार कर रही है.

आईसीएमआर की कोविड-19 वैक्सीन लॉन्च करने की समयसीमा को लेकर वैज्ञानिक क्यों चिंतित हैं?

आईसीएमआर ने कोविड-19 की स्वदेशी वैक्सीन के लॉन्च के लिए 15 अगस्त की समयसीमा निर्धारित की है, जिसे लेकर डॉक्टर्स और वैज्ञानिक संशय में हैं. वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक का भी मानना है कि ट्रायल पूरे होने में अक्टूबर तक का समय लग सकता है.

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