वीडियो: साल 2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे. इसके बाद अक्टूबर 2014 से उन्होंने मन की बात कार्यक्रम शुरू किया था. सात साल हो गए प्रधानमंत्री ने लोगों से एकतरफा संवाद किया. पिछले सात साल में उन्होंने सिर्फ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि वैक्सीन की कमी के लिए पूरी तरह केंद्र सरकार ज़िम्मेदार है. जब इतनी वैक्सीन बन गई थी तो इसे अपने लोगों को देकर बेहतर कोरोना मैनेजमेंट हो सकता था, लेकिन केंद्र सरकार इंटरनेशनल इमेज मैनेजमेंट में लगी रही. इस बीच सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के पास कोवैक्सीन का एक दिन का स्टॉक है, जबकि कोविशील्ड सिर्फ़ तीन से चार दिन के लिए बचा
बेंगलुरु के सभी सात कोविड शवदाहगृहों में पिछले तीन सप्ताह से चौबीसों घंटे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं. कई जगहों पर कर्मचारियों की कमी के चलते वालंटियर्स और अस्थायी कर्मचारी श्मशान में लगातार काम कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का मामला. देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच इस महामारी के कारण अपनों को खो देने के बाद उनके सगे-संबंधियों की आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया के ज़रिये यह अफ़वाह फ़ैलाई जा रही है कि उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 5जी सेवा के परीक्षण से रेडिएशन हो रहा है, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और लोगों की मौत हो रही है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने ऐसी अफ़वाहों पर लगाम लगाने के लिए छोटी से छोटी सूचना पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
गुजरात के द्वारका शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तीनों ने कथित तौर पर कीटनाशक का सेवन किया, क्योंकि वे परिवार के मुखिया की मौत के बाद व्यथित थे. उन्होंने बताया कि मामले की आगे जांच की जा रही है.
कोविड-19 की दूसरी लहर ने जिस राष्ट्रीय आपदा को जन्म दिया है, वैसी आपदा भारत ने आजादी के बाद से अब तक नहीं देखी थी. इस बात के तमात सबूत सामने हैं कि इसे टाला जा सकता था और इसके प्राणघातक प्रभाव को कम करने के लिए उचित क़दम उठाए जा सकते थे.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच बहुत से लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें रिश्वत दिए बिना बिस्तर नहीं मिल रहे और वे अधिक कीमत पर दवाएं खरीद रहे हैं. भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बिस्तर अवरुद्ध करने के घोटाले के बारे में दावा किया था और इसमें मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की संलिप्तता का संदेह जताया था. कांग्रेस ने भाजपा पर मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बेहतर होता कि प्रधानमंत्री ‘काम की बात’ करते और ‘काम की बात’ सुनते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के लिए भाजपा नेताओं ने सोरेन पर आरोप लगाया कि उन्होंने संवैधानिक पद की गरिमा को धूमिल किया है.
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले के कोरमी गांव का मामला. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिलने पर एल्कोहलयुक्त होम्योपैथी सीरप को शराब की तरह पीने से गांव के सात युवक गंभीर रूप से बीमार हैं. पुलिस केस दर्ज कर एक होम्योपैथी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा है कि केंद्र सरकार को सभी का टीकाकरण करना होगा, जबकि राज्यों को अस्पतालों में आधारभूत ढांचे में सुधार करने, अधिक चिकित्सा कर्मचारियों की भर्ती करने जैसे अन्य चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे पर ख़र्च करने की आवश्यकता है.
बीते चार दिनों में गुजरात के दो गांवों में ‘कोविड-19 ख़त्म करने’ के लिए धार्मिक जुलूस निकालने के आरोप में पुलिस ने 69 लोगों को गिरफ़्तार किया है. पुलिस ने कहा कि गांव के लोगों के एक वर्ग का मानना था कि उनके स्थानीय देवता के मंदिर पर पानी डालने से कोविड-19 का ख़ात्मा हो सकता है.
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि यह सच है कि राज्य सरकार द्वारा क़दम उठाए गए हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह पर्याप्त नहीं है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आगे भी जनता को महामारी के गंभीर प्रभाव के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है. वर्तमान परिस्थितियों में और अधिक प्रतिबंध लगाने के बारे में सोचा जा सकता है.
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह ने भारत लौटने और राजनीति में शामिल होने के लिए कंप्यूटर उद्योग छोड़ दिया था. बागपत से सात बार सांसद रहे अजित सिंह ने 1980 में सक्रिय राजनीति में क़दम रखा और 1986 में राज्यसभा के रास्ते पहली बार संसद पहुंचे थे. विभिन्न सरकारों में वह कई मंत्रालय संभाल चुके थे.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या ज़िले में समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य की 40 सीटों में से 17 सीटें अपने नाम की. इसके अलावा 4 सीटों पर बसपा और 11 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की है. भाजपा के अयोध्या ज़िला प्रवक्ता ने बताया कि ज़िले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक होने के बावजूद हमें 40 में से सिर्फ़ आठ ज़िला पंचायत सीटों पर जीत मिली है.