केंद्र सरकार ने ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ के लिए 150 रुपये पर समझौता किया था, लेकिन जैसे ही सरकार ने वैक्सीन उत्पादकों को राज्यों और खुले बाज़ार के लिए कीमत तय करने की छूट दी, वैसे ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने क्रमश: राज्यों के लिए 400 और 600 रुपये, जबकि निजी अस्पतालों के लिए 600 और 1200 रुपये प्रति खुराक कीमत तय कर दी. विभिन्न राज्यों ने इन कंपनियों पर संकट काल में मुनाफ़ाखोरी का आरोप लगाया
कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया 35,350 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक 75,750 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा बनाएंगे. सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीका राज्य सरकारों को 400 रुपये प्रति खुराक और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में मिलेगा. वहीं भारत बायोटेक का टीका कोवैक्सीन प्रति खुराक राज्यों को 600 रुपये और निजी अस्पतालों को 1200 रुपये में मिलेगा.
भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा है कि पूरे देश में वैक्सीन के इंजेक्शन की कीमत एक ही होनी चाहिए और यह कीमत शून्य होनी चाहिए. उन्होंने कोविड-19 टीके की मूल्य नीति को जटिल और राजनीति से भरा बताया. भारत में कोविड वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियां सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक ने इसकी कीमत बढ़ा दी है.
शुरुआत में केंद्र सरकार ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही वैक्सीनों के लिए 150 रुपये पर समझौता किया था, लेकिन जैसे ही सरकार ने वैक्सीन उत्पादकों को राज्यों और खुले बाज़ार के लिए कीमत तय करने की छूट दी, वैसे ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने क्रमश: राज्य सरकारों के लिए 400 और 600 रुपये, जबकि निजी अस्पतालों के लिए 600 और 1200 रुपये प्रति खुराक की कीमत तय कर दी.
एक मई से देश के निजी अस्पतालों में कोविशील्ड वैक्सीन 600 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर मिलेगी, जबकि वैक्सीन का उत्पादन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट कर रही है, जिसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा था कि 150 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर भी उनकी कंपनी मुनाफा कमा रही है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि 1,737,178 व्यक्तियों ने कोवैक्सिन की दूसरी खुराक ली थी, उनमें से केवल 695 लोग संक्रमित हुए हैं. इसी तरह 15,732,754 व्यक्तियों ने कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक ली थी, उनमें से 5,014 संक्रमित पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह छोटी संख्या है और चिंताजनक नहीं है.
केंद्र सरकार के 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के टीकाकरण के निर्णय के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने कोविशील्ड टीके की कीमत की घोषणा की, जिसे वह अपने पुणे संयंत्र में तैयार कर रही है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक घटिया क़दम है तथा पूरे देश में टीके की एक कीमत तय होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले पिछले साल अगस्त माह में भी वह कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. उन्होंने 12 मार्च को कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली थी.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र सभी सार्वजनिक कार्यक्रम और चुनावी रैलियों को रद्द करने पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि चुनावों के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटने और धार्मिक आयोजनों से संक्रमण बढ़ा है.
बीते चार दिनों में लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के 40 डॉक्टर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से अधिकतर को कोरोना वैक्सीन लगी थी. एम्स और सर गंगाराम अस्पताल के पॉज़िटिव पाए गए चिकित्सकों में से भी कई कोरोना वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित हुए हैं.
पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का मामला. 23 वर्षीय छात्र की मौत एक मार्च को हुई. उन्हें फरवरी के पहले हफ्ते में कोवैक्सीन टीका लगा था, इसके बाद 25 फरवरी को वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.
16 जनवरी को टीकाकरण शुरू होने के बाद से अब तक विभिन्न राज्यों में 13 लोगों की जान गई है, इनमें से अधिकतर मौतें टीका लेने के बाद कुछ घंटों से लेकर पांच दिनों के भीतर हुई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से किसी भी मौत के लिए टीकाकरण के कारण होने को ख़ारिज किया है.
मामला नौपाड़ा ज़िले का है. सोमवार को एक 27 वर्षीय सिक्योरिटी गार्ड को जी मिचलाने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अगले दिन उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्होंने बीमार होने के तीन दिन पहले कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत टीका लगवाया था.
तेलंगाना में अभी तक 69,625 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. सार्वजनिक स्वास्थ्य के निदेशक के अनुसार, अभी तक राज्य के 77 लोगों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के मामले सामने आए हैं, जिसमें से तीन को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था और उनकी हालत स्थिर है.
अमरावती मंडल के अकोला और बुलढाना ज़िलों में कोविशील्ड टीका लगवाने के एक दिन बाद सात व्यक्तियों को मांसपेशियों में दर्द और बुखार की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया है. अमरावती के मंडलायुक्त पीयूष सिंह का कहना है कि वे सभी ठीक हैं और उन्हें जल्द अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.