स्क्रोल डॉट इन की एक रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले कुछ दिनों में भाजपा शासित राज्यों द्वारा टीकाकरण की गति को धीमा करना सोमवार को भारत के रिकॉर्ड 86 लाख टीके की खुराक देने का कारण हो सकता है.
भारत में केरल के एक चिकित्सा केंद्र से सात मामले सामने आए हैं, जहां करीब 12 लाख लोगों को एस्ट्राज़ेनेका टीके दिए गए थे. भारत में इस टीके को कोविशील्ड कहा जाता है. ब्रिटेन के नॉटिंघम में इस प्रकार के चार मामले सामने आए हैं. गुलेन-बैरे सिंड्रोम में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने तंत्रिका तंत्र के एक हिस्से पर हमला करती है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बाहर स्थित तंत्रिकाओं का नेटवर्क है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट के लगभग 40 मामले सामने आए हैं. इन राज्यों को सावधानी बढ़ाते हुए जन स्वास्थ्य संबंधी उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है. यह स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश से बहुत से शव नदी में बहकर पश्चिम बंगाल आ गए हैं. मालदा ज़िले में हमने कुछ शव देखे हैं. हमने उनमें से कुछ का अंतिम संस्कार कर दिया है. बीते दिनों बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा और इसकी सहायक नदियों में बड़ी संख्या में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के शव तैरते हुए मिले थे.
शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कि जिसमें कोविड-19 महामारी को देखते हुए राज्य सरकारों को बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं करने का निर्देश देने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ को सूचित किया गया कि आंध्र प्रदेश और केरल दो ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराने का निर्णय किया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा मानवाधिकार परिषद की एक डिजिटल वैश्विक बैठक में कहा कि जीवन का अधिकार प्रबल होना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुनिया भर में कोविड से संबंधित जीवन रक्षक दवाओं और टीकों की कमी दूर हो. इसके अलावा निर्धन लोगों को दवाएं और टीके किफ़ायती मूल्य पर उपलब्ध हो सकें.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बीते 24 घंटे के दौरान 50,848 नए मामले आने के बाद कुल मामलों की संख्या बढ़कर 30,028,709 पर पहुंच गई है. दुनिया में संक्रमण के मामले 17.91 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 38.82 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
देश में कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने चिंता जताई थी कि कोरोनिल सहित कोविड-19 के लिए अस्वीकृत दवाओं का उपयोग करने से मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है. इस तथ्य के बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा पतंजलि उत्पादों की खरीद को स्वीकृति दी गई.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक श्वेत पत्र भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभी से पूरी तैयारी की जाए. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर कहा था कि कोविड-19 से जान गंवा चुके हर व्यक्ति के परिवार को चार लाख का मुआवज़ा नहीं दिया जा सकता, क्योंकि आपदा प्रबंधन क़ानून में केवल भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में ही मुआवज़े का
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बीते 24 घंटे में 42,640 नए मामले सामने आए हैं, जिन्हें मिलाकर संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,977,861 हो गई है. इस अवधि में 1,167 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 389,302 हो गई है. विश्व में संक्रमण 17.87 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं, जबकि 38.73 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कई देशों द्वारा कोरोना वायरस के चिंताजनक स्वरूप के संक्रमण की पुष्टि के बाद दक्षिण-पूर्व एशिया के अपने सदस्यों से कोविड-19 को दोबारा फैलने से रोकने के लिए जन स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत बनाने, सामाजिक दूरी के नियमों के कड़ाई से पालन और टीकाकरण तेज़ करने की अपील की है.
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि सबसे ज़्यादा उम्रदराज़ या बुज़ुर्ग क़ैदियों ख़ासकर 70 साल से अधिक उम्र के क़ैदियों के संक्रमित होने का ज़्यादा ख़तरा है. कुछ अपवादों को छोड़कर कुछ राज्यों ने वायरस के घातक प्रभावों के बावजूद वृद्ध क़ैदियों की रिहाई के संबंध में आवश्यक क़दम नहीं उठाए हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण कुल मामले बढ़कर 29,935,221 हो गए हैं, जबकि जान गंवाने वालों का आंकड़ा 388,135 हो चुका है. विश्व में संक्रमण के 17.85 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 38.66 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
वीडियो: हाल ही में आप विधायक दिनेश मोहनिया ने ट्वीट कर देश के आख़िरी गांव माणा, जो कि भारत-चीन के बॉर्डर पर स्थित है, पर खोले गए पार्टी के ऑक्सीजन जांच केंद्र की बात की, लेकिन दिल्ली के निज़ामपुर गांव में मोहल्ला क्लिनिक का हाल देखने पार्टी से कोई भी नहीं आया. इस गांव में अस्पताल तो है लेकिन उसमें काफी समय से ताला पड़ा हुआ है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से देश के गांव भी नहीं बच सके हैं. इस दौरान मीडिया में प्रकाशित ख़बरें बताती हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 का प्रभाव सरकारी आंकड़ों से अलहदा है.