कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा है कि ऐसे समय में जब महामारी एक बार फ़िर पैर पसार चुकी है, तब केंद्र सरकार को उन किसानों और मज़दूरों की फ़िक्र करते हुए तत्काल प्रभाव से इस स्थिति से निपटना चाहिए, जिन्हें उसने पिछले साल लॉकडाउन लगाते हुए नज़रअंदाज़ कर दिया था.
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल पा रहे है. ऑक्सीजन की कमी की भी ख़बरें आ रही हैं. साथ ही कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़ों में हेरफेर करने के आरोप भी योगी सरकार पर लग रहे हैं.
भारत में लगातार 14 अप्रैल के बाद चौथे दिन कोरोना वायरस संक्रमण के दो लाख से अधिक दैनिक मामले दर्ज किए गए हैं. देश में कुल मामलों की संख्या 1.47 लाख से अधिक हो गई है और मरने वालों की संख्या बढ़कर 1.77 लाख से अधिक हो गई है. विश्व में संक्रमण के 14.07 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 30.11 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
भोपाल शहर के सारे विश्राम घाट इन दिनों मृत देहों से पटे पड़े हैं. ढेर सारी एंबुलेंस मृत शरीरों को रखे अपनी बारी का इंतजार करती रहती हैं, चाहे भदभदा विश्राम घाट हो या सुभाष विश्राम घाट सब जगह इतनी देह आ रही हैं कि प्रबंधकों के चेहरे पर पसीना ही दिखता है.
बिहार की राजधानी पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का मामला. राजद नेता तेजस्वी यादव ने अस्पताल के अधीक्षक का पत्र ट्विटर पर साझा कर नीतीश सरकार निशाना साधते हुए राज्य में कोविड-19 के ख़िलाफ़ बुनियादी सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई है.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित राजधानी अस्पताल का मामला. घटना की जांच के ज़िलाधिकारी ने आदेश दे दिए हैं. राहुल गांधी ने सरकार से पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद देने की अपील की.
फैक्ट चेक: अप्रैल के पहले हफ़्ते में मीडिया द्वारा एक अध्ययन के हवाले से दावा किया गया कि हार्वर्ड स्टडी ने अन्य राज्यों की तुलना में प्रवासी संकट को अधिक प्रभावी ढंग से संभालने के लिए यूपी सरकार की सराहना की है. पड़ताल बताती है कि हार्वर्ड ने ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया.
भारत में लगातार तीसरे दिन कोरोना वायरस संक्रमण के दो लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए है. इसके साथ कुल मामलों की संख्या 1.45 करोड़ से अधिक हो गई है और अब तक 1.75 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 14 करोड़ के क़रीब पहुंच गए हैं और मृतक संख्या 30 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है.
केंद्र के तीन विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारी किसानों किसानों से कहा है कि वे मास्क पहनें और कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करें. मोर्चा ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि चुनावी रैलियों में वह कोरोना वायरस को नज़रअंदाज़ कर रही है.
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले पिछले साल अगस्त माह में भी वह कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. उन्होंने 12 मार्च को कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली थी.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 15 अप्रैल तक 13,614 नमूनों की जांच संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (डब्ल्यूजीएस) के लिए 10 नामित आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में में की गई. इनमें से 1,189 नमूने सार्स-सीओवी-2 के चिंताजनक स्वरूपों से संक्रमित पाए गए. जिनमें ब्रिटिश स्वरूप के 1,109 नमूने, दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के 79 नमूने और ब्राजीलियाई स्वरूप का एक नमूने शामिल हैं.
कोविड-19 के रोजाना सामने आ रहे 79.10 प्रतिशत मामले 10 राज्यों में हैं, जिनमें महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. 16 राज्यों में रोज़ाना के नए मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार प्रदीप कुमार नंदी की शुक्रवार को बहरमपुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई. वह बंगाल विधानसभा चुनाव में मुर्शिदाबाद ज़िले के जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार थे. इससे पहले कोविड-19 से संक्रमित मुर्शिदाबाद के ही शमशेरगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार रेज़ाउल हक़ निधन हो गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी ऐसे मामले को लेकर की, जहां तत्काल सुनवाई का आवेदन दायर किया गया था, जबकि ऐसी सुनवाई की ज़रूरत नहीं थी. अदालत ने कहा कि कई जज और कर्मचारी कोरोना संक्रमित हैं, ऐसे में वकीलों को आवेदन दायर करते समय और अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र ने 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच टीका उत्सव के आयोजन की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को टीका लगाना था. हालांकि आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान आम दिनों की तुलना में लोगों को कम टीके लगाए गए.