कोविड से हुईं मौतों पर डब्ल्यूएचओ के अनुमान ख़ारिज करने के लिए सरकार ने ग़लत डेटा प्रयोग किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 2020 में ही भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 8.30 लाख लोगों की मौत हुई. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव का विश्लेषण बताता है कि इन अनुमानों को तथ्यों से परे बताकर ख़ारिज करने के लिए केंद्र सरकार ने जिन आंकड़ों का इस्तेमाल किया, उनकी विश्वसनीयता भी संदिग्ध है.

साल 2020 में देश में हुई कुल 81.2 लाख लोगों की मौत, कोविड-19 के चलते डेढ़ लाख: आरजीआई

देश में कोविड-19 से हुई कुल मौतों के आंकड़े पर डब्ल्यूएचओ समेत कई स्वतंत्र विशेषज्ञों और संगठनों द्वारा सवाल उठाए जाने के बीच रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने साल 2020 का नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) डेटा जारी किया है. इसके अनुसार 2020 में देश में 81.2 लाख लोगों की मौत हुई और यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 6.2 प्रतिशत अधिक है. 

कोविड: तीन राज्यों में आधिकारिक आंकड़े से 3.5 लाख ज़्यादा मौतें, मुआवज़ा पाना टेढ़ी खीर

जनवरी की शुरुआत तक राजस्थान, झारखंड, आंध्र प्रदेश में कोविड-19 से हुई अतिरिक्त यानी आधिकारिक आंकड़े से ज़्यादा मौतें, सरकारी संख्या से 12 गुना से अधिक थीं. रिकॉर्ड के बेतरतीब रखरखाव और लालफीताशाही के कारण हज़ारों परिवार मुआवज़े से वंचित हो सकते हैं.

गुजरात: सरकारी आंकड़ों में कोविड से दस हज़ार मौतें, मुआवज़े के लिए आए 90 हज़ार आवेदन

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने कोरोना पीड़ितों द्वारा मुआवज़े संबंधी 68,370 दावों को मंज़ूरी दी है, हालांकि अपने आधिकारिक आंकड़ों में सरकार ने कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या 10,094 ही बताई है.

गुजरात: मृत्यु रजिस्टर का डेटा बताता है कि कोविड मौत का आधिकारिक आंकड़ा 27 गुना कम है

राज्य की 170 नगर पालिकाओं में से 68 के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि मार्च 2020 और अप्रैल 2021 के बीच 16,892 'अतिरिक्त मौतें' हुईं. यदि पूरे राज्य के लिए इसी आंकड़े को विस्तारित करें तो इसका अर्थ होगा कि गुजरात में कोविड से हुई वास्तविक मौतों का आंकड़ा कम से कम 2.81 लाख है.