उत्तर प्रदेश में आदर्श आचार संहिता और कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले में बरेली जिले के भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक बहोरन लाल मौर्य ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोप में आसनसोल नगर निगम चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के दौरान रैली करने से रोक दिया गया.
आम आदमी पार्टी ने बीते 29 अगस्त को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में तिरंगा यात्रा निकाली थी, जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया था. कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में पार्टी के 17 नेताओं सहित 500 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 17 जुलाई को पाबंदियों में रियायत की घोषणा करते हुए 21 जुलाई को मनाए जाने वाले बकरीद के मद्देनज़र आवश्यक वस्तुओं के साथ कई अन्य तरह की दुकानों को भी 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक खुले रखने की अनुमति दी है.
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कोरोना महामारी के दौरान यात्रा के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कांवड़ यात्रा पर पुनर्विचार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को 19 जुलाई तक सूचित करने के लिए कहा था. अतिरिक्त मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने कहा कि राज्य सरकार ने कांवड़ संघों से अपील की थी और वे सभी इस साल यात्रा बंद रखने पर सहमत हो गए हैं. पिछले साल भी महामारी के फैलने के बाद की गई इसी तरह की
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक बात पूरी तरह से साफ़ है कि हम कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश सरकार को 100 फ़ीसदी उपस्थिति के साथ कांवड़ यात्रा आयोजित करने की अनुमति नहीं दे सकते. हम सभी भारत के नागरिक हैं. यह स्वतः संज्ञान मामला इसलिए लिया गया है, क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है. यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मानव जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कांवड़ यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया गया है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा को मंज़ूरी देने के उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के फ़ैसले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रशासन को नोटिस जारी किया है.
कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देने के बाद हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भीड़ में वृद्धि हो रही है. सरकार ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के नियमों का अनुपालन किए बग़ैर हिल स्टेशनों और बाज़ारों में लोगों का घूमना महामारी से निपटने में अब तक मिली क़ामयाबी पर पानी फेर देगा.
मिज़ोरम सरकार की उस मानक संचालन प्रक्रिया को गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी लोगों को टीका लगवाना होगा, नहीं तो उन्हें अपने घर से बाहर निकलने, घर से दूर जाकर कमाई करने, सार्वजनिक गाड़ियों की ड्राइविंग इत्यादि की अनुमति नहीं दी जाएगी. अदालत ने कहा कि ऐसा करना संविधान के तहत दिए गए समानता के अधिकार का उल्लंघन है.