बिहार की नीतीश कुमार सरकार इस मामले में चुप रही. वहीं बिहार का मीडिया और मुज़फ़्फ़रपुर का नागरिक समाज भी 29 बच्चियों के साथ हुए बलात्कार के इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है.
चेन्नई के एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स की घटना. मामले की सुनवाई के लिए ले जाते समय आरोपियों को वकीलों ने पीटा. कॉम्प्लेक्स के सिक्योरिटी गार्ड के अलावा लिफ्ट आॅपरेटर और पानी सप्लाई करने वाले 22 लोग हैं आरोपी.
गृह मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2016 में अगवा बच्चों के 40.4 फीसदी मामलों में ही आरोप पत्र दाखिल हुआ. वहीं, 2016 में देश में बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध के 1,06,958 मामले दर्ज हुए, 2015 में इनकी संख्या 94,172 थी.
पुलिस ने बताया कि अधिक जल जाने की वजह से लड़की की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
विकास के दावों के बीच भारत के अनुभव और ज़मीनी सच्चाई बता रही है कि समाज और सरकारें बच्चों का संरक्षण सुनिश्चित कर पाने में तो नाकाम हैं ही आगे भी इनके नाकाम रहने की आशंका है.
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने अध्यादेश के विरोध में कहा है कि मौत की सज़ा के प्रावधान के बाद बच्चियों से बलात्कार के ज्यादातर मामले दर्ज ही नहीं कराए जाएंगे. क्योंकि ज्यादातर मामलों में परिवार के सदस्य ही आरोपी होते हैं.
जम्मू कश्मीर के कठुआ ज़िले में आठ साल की मासूम से बलात्कार और फिर हत्या के बाद एक पिता का राष्ट्रपति के नाम पत्र.
यह कैसा समाज है जहां जीवित इंसान की कोई कीमत नहीं पर मृत व्यक्ति के सम्मान की रक्षा के नाम पर लोग सड़क पर उतर आते हैं, तोड़-फोड़ करते हैं, यहां तक कि हिंसा करने से भी नहीं चूकते.
हरियाणा में छह साल की लड़की से बलात्कार के बाद हत्या. हिमाचल प्रदेश में 12 साल के लड़के ने पांच साल की बच्ची से किया बलात्कार.
पिता ने किशोर न्याय बोर्ड से अनुरोध किया कि जांच के दौरान आरोपी छात्र के ख़िलाफ़ एक वयस्क की तरह केस चलाया जाए.
हरियाणा के गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में आठ सितंबर को प्रद्युम्न का शव मिला था.