मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में बोरोबेकरा थाने के पास 11 नवंबर को सुरक्षा बलों के साथ कथित मुठभेड़ में दस युवक मारे गए थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्येक शव पर गोलियों के कई घाव थे, ज़्यादातर गोलियां पीछे से चलाई गई थीं.
मणिपुर में इंफाल पश्चिम के लोइतांग खुनौ गांव के एक निवासी आर्मी कैंप में सुपरवाइजर का काम करते हैं और 25 नवंबर की दोपहर से लापता हैं. इस घटना की ख़बर सामने आने के बाद क्षेत्र में गुस्सा भड़क उठा और बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं.
मणिपुर के हिंसाग्रस्त जिरीबाम की एक नदी में शुक्रवार शाम को एक महिला और दो बच्चों के शव मिले हैं. माना जा रहा है कि ये 11 नवंबर से लापता छह लोगों में से कुछ के हो सकते हैं. अधिकारियों के अनुसार, शवों का का विवरण लापता लोगों में से तीन से मेल खा रहा है.
मणिपुर पुलिस के अनुसार, मंगलवार को सुरक्षा बलों ने जिरीबाम ज़िले के कथित मुठभेड़ वाले इलाके से दो मेईतेई पुरुषों के शव बरामद किए. मृतकों से संबंधित मेईतेई समुदाय के छह लोग, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं, अब भी लापता हैं. ये लोग बोरोबेकरा थाने के राहत शिविर में रहते थे.
मणिपुर पुलिस के अनुसार, संदिग्ध उग्रवादियों ने जाकुरधोर स्थित सीआरपीएफ पोस्ट और बोरोबेकरा थाने पर हमला किया, जिस पर हुई जवाबी कार्रवाई में दस 'हथियारबंद उग्रवादी' मारे गए. वहीं, एक नागरिक समूह कुकी-ज़ो काउंसिल ने दावा किया है कि मरने वाले लोग आदिवासी विलेज वालंटियर थे.
जब मीडिया विकास यादव के बारे में अटकलें लगा रहा था, वे अपने घर आए, परिवार के साथ समय बिताया, उन्हें आश्वस्त किया और वापस लौट गए. विकास का परिवार सत्ता के व्यवहार से नाख़ुश है. उन्हें लगता है कि भारत सरकार ने विकास को बचाने की कोशिश नहीं की.
विकास के परिजनों ने बताया कि अमेरिका द्वारा 17 अक्टूबर को जारी अभियोग के चौबीस घंटे के भीतर यानी 18 अक्टूबर को विकास ने उन्हें फोन पर कहा था, 'चिंता करने की कोई बात नहीं है, मैं सकुशल हूं और सुरक्षित हूं.'
छत्तीसगढ़ पुलिस अबूझमाड़ में हुई हालिया मुठभेड़ को पिछले 24 साल का सबसे बड़ा अभियान बता रही है. हालांकि, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सिविल लिबर्टीज़ कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से इसकी न्यायिक जांच की मांग की है.
जम्मू के उधमपुर जिले में 19 अगस्त को सुरक्षा बलों के गश्ती दल पर संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में सीआरपीएफ के एक अधिकारी की मौत हुई है.
केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त मणिपुर में संवेदनशील ज़िले में असम राइफल्स की जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तैनाती करने का फैसला किया है. इसके ख़िलाफ़ चूड़ाचांदपुर ज़िले में व्यापक विरोध प्रदर्शन देखा गया और कई स्थानीय संगठनों ने केंद्र से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
घटना जिरीबाम ज़िले की है. शनिवार रात आतंकवादियों के साथ गोलीबारी के बाद रविवार सुबह केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम कथित तौर पर तलाशी अभियान चला रही थी, तभी उन पर हमला किया गया.
पिछले वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद नक्सलियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन ने गति पकड़ ली थी. चुनाव के नतीजे भी नहीं आ पाए थे कि नक्सलियों के इलाकों में कैंप खोलने की मुहिम तेज़ कर दी गई.
झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया था कि सीआरपीएफ जवानों ने बिना अनुमति के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास में प्रवेश की कोशिश की थी, जब उनसे ईडी द्वारा पूछताछ की जा रही थी. वहीं, सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि बंगाल में ईडी अधिकारियों पर हमले को लेकर जवानों की तैनाती की गई थी.
गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा को सूचित किया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में मनोरोग से जूझ रहे रोगियों की कुल संख्या 2020 के 3,584 से बढ़कर साल 2022 में 4,940 हो गई. आंकड़े बताते हैं कि 2018 से 2022 तक 658 जवानों ने आत्महत्या की.
केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने संसद में बताया कि गृह मंत्रालय के तहत विभिन्न संगठनों में 1,14,245 पद ख़ाली हैं और इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ और दिल्ली पुलिस भी शामिल हैं. रिक्त पदों में से 3,075 ग्रुप 'ए', 15,861 ग्रुप 'बी' में और 95,309 ग्रुप 'सी' में हैं.