भूस्खलन और जोशीमठ शहर के डूबने के कारणों की जांच के लिए गठित एक समिति ने 7 मई, 1976 को अपनी रिपोर्ट में भारी निर्माण कार्य, ढलानों पर कृषि और पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने के सुझाव दिए थे. अब स्थानीयों ने मौजूदा स्थिति के लिए बिजली और सड़क परियोजनाओं को ज़िम्मेदार ठहराया है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने छह लेन वाले दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग के 14.75 किलोमीटर के हिस्से के विकास के लिए दिल्ली वन विभाग से यह अनुमति मांगी है. वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण ने इन काटे गए पेड़ों के बदले में पेड़ लगाने के लिए कहीं और ज़मीन उपलब्ध नहीं कराई है.