तमिल कवयित्री सुकीरथरिणी को न्यू इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में अग्रणी 12 महिलाओं को दिए जाने वाले 'देवी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था. अवॉर्ड से इनकार करते हुए सुकीरथरिणी ने कहा कि अडानी समूह द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम का हिस्सा बनना उनके लेखन और सिद्धांतों के ख़िलाफ़ होगा.
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर शहर के गोरखनाथ क्षेत्र का मामला. महिला ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि कई बार शिकायत के बाद भी क़रीब दो महीने हो गए लेकिन आरोपी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज नहीं किया गया, जबकि आरोपी की शिकायत पर पैसे न चुकाने को लेकर उन पर केस दर्ज कर दिया गया है. पुलिस ने कहा कि महिला की शिकायत की जांच चल रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
दिल्ली विश्वविद्यालय शैक्षणिक परिषद ने पिछले महीने बीए के अंग्रेज़ी ऑनर्स पाठ्यक्रम में बदलावों को मंज़ूरी देते हुए महाश्वेता देवी की लघुकथा ‘द्रौपदी’ सहित दो दलित महिला लेखकों बामा और सुकीरथरिणी की कृतियों को हटा दिया था. इन्हें पाठ्यक्रम में वापस शामिल करने की मांग के साथ 1,150 से अधिक शिक्षाविदों, लेखकों और संगठनों ने संयुक्त बयान जारी किया है.
12 साल के लंबे अंतराल के बाद फिल्मों में वापसी कर रहे दिग्गज अभिनेता अमोल पालेकर का मानना है कि हिंदी सिनेमा में जाति को एक मुद्दे के रूप में शायद ही कभी उठाया जाता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के विषय परेशान करने वाले होते हैं और परंपरागत रूप से मनोरंजक नहीं होते हैं. निर्माता अपनी सिनेमाई यात्रा के दौरान ऐसी फिल्मों को बनाने से कतराते हैं.
मामला यादाद्री-भुवनगिरी ज़िले के अड्डागुडुर थाने का है, जहां बीते 18 जून को बावर्ची के रूप में काम करने वाली 40 वर्षीय मरियम्मा को चोरी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. बताया गया कि कथित पुलिस प्रताड़ना के चलते थाने के लॉकअप में महिला की मौत हो गई. मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.
मामला तमिलनाडु के कडलूर ज़िले का है. पिछले साल दिसंबर में पंचायत प्रधान चुनी गईं दलित एस. राजेश्वरी कई बैठकों में उसी पंचायत के उप-प्रधान ने ज़मीन पर बैठने को मजबूर किया. आरोप है कि कई अवसरों पर महिला प्रधान को झंडा भी नहीं फ़हराने दिया गया.
वीडियो: हाथरस में दलित युवती से कथित गैंगरेप और उसकी मौत के मामले को कुछ टीवी चैनलों ने दो-तीन दिन तक प्रमुखता से उठाया. अब सारे चैनल सत्ताधारियों की भाषा बोलने लगे हैं. घटना को लेकर विपक्ष की सक्रियता को वे किसी कथित षड्यंत्र का हिस्सा बता रहे हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकारों- शीतला पी. सिंह, बिराज स्वैन, अशोक दास के साथ उर्मिलेश की बातचीत.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा कि मीडिया को घटनास्थलों का दौरा करने की अनुमति नहीं देना और फोन पर पत्रकारों की बातचीत को टैप करना मीडिया के कामकाज को बाधित करने के साथ उसे कमतर करना भी है.
उत्तर प्रदेश के कौशांबी में विकास कार्यों की समीक्षा करने गईं उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को दलित होने के चलते कथित तौर पर गांव के प्रधान और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने बर्तन में पानी देने से इनकार कर दिया.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार देश में दलित महिलाओं के लिए मृत्यु का जोखिम उचित साफ-सफाई, पानी की कमी और समुचित स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में बढ़ जाता है.
बुलंदशहर जिले के खेतलपुर भंसोली गांव में कथित रूप से बर्तन से हाथ लगने पर 15 अक्टूबर को गर्भवती दलित महिला को पीटा गया था.
गुज़रते वक़्त के साथ भले ही कंपनियों के भीतर ‘स्त्रीवाद’ के प्रति जागरूकता बढ़ती नज़र आ रही है, लेकिन कुल मिलाकर कॉरपोरेट सेक्टर जाति की हक़ीक़त और कार्यस्थल पर पड़ने वाले इसके प्रभावों से मुंह चुराता दिखता है.