पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाक़ों में दलित समुदाय धर्म परिवर्तन करके बौद्ध धर्म अपना रहे हैं. दलितों के ख़िलाफ़ जातीय हिंसा न रोक पाने की सरकार की विफलता को लेकर दलित समुदाय में ग़ुस्सा है.
पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने करीब तीन महीने पहले तब भड़काऊ भाषण दिए थे जब वे हत्या के आरोपी चार दलितों की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे थे.
सेकुलर शक्तियों को याद रखना चाहिए कि 1974 के बाद से ही संघ परिवार बड़ी होशियारी के साथ दलित और पिछड़े प्रतीकों को हड़प के अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करने के कौशल को विकसित करने में लगा हुआ है.
कर्नाटक में मुस्लिम युवती बानू बेगम ने एक दलित युवक से शादी कर ली, जिससे नाराज़ होकर दोनों के परिवार वालों ने युवती को जलाकर मार डाला.
चंद्रशेखर ने कहा, 'पुलिस ने भीम आर्मी पर नक्सली होने, नक्सलियों से धन लेने, आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया. मैं कहता हूं कि अगर ऐसा है तो वे सबूत दें'
पिछले साल गुजरात के उना में दलितों पर हुए कथित गोरक्षकों के हमले के बाद जिग्नेश मेवाणी से बातचीत.
पुलिस के मुताबिक, फेसबुक के 74 अकाउंट, ट्विटर के 35 और यूट्यूब के 32 अकाउंट फिलहाल बंद करवाए गए हैं.
केंद्र सरकार ने योगी सरकार की मदद के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियां सहारनपुर भेजी.
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पिछले महीने शुरू हुई इन घटनाओं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस ज़िले में शांति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है.
पर्दे और पन्नों पर बार-बार उभरता रहा है- जंगलराज! लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकार क्या बदली, मीडिया का वह ‘जंगलराज’ ग़ायब हो गया!
सहारनपुर में जातीय संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को भी एक व्यक्ति को गोली मार दी गई. प्रमोद पांडे सहारनपुर के नए डीएम और बबलू कुमार को जिले का नया एसएसपी बनाया गया है.
हिंदुत्ववादी गिरोह क़ानून, विस्थापन, हत्याओं और धमकियों के सहारे दलितों और मुस्लिमों की जीवन पद्धति को नष्ट करने में लगे हुए हैं.
जस्टिस सीएस कर्णन ने ख़ुद को अवमानना का दोषी ठहराने और छह माह की सज़ा देने संबंधी आदेश वापस लेने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है.
कोलकाता हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीएस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि उन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराने वाला आदेश वापस लिया जाये.
दलितों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा पर उचित कार्रवाई के लिए हो रहा प्रदर्शन हुआ हिंसक. तोड़फोड़, पथराव और गोलीबारी के अलावा भीड़ ने फूंक दिया थाना.