कर्नाटक: मंदिर में प्रवेश पर दलित परिवार से जुर्माना मांगने के पांच आरोपी गिरफ़्तार

कर्नाटक में कोप्पल जिले के मियापुरा गांव का मामला. अनुसूचित जाति के चेन्नादासर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक व्यक्ति बीते चार सितंबर को अपने दो साल के बेटे के जन्मदिन पर मंदिर गए थे. इस दौरान परिवार मंदिर के बाहर खड़ा था, लेकिन बच्चा मंदिर में चला गया, जिससे मंदिर के पुजारी नाराज़ और अन्य लोग नाराज़ हो गए थे.

हाथरस गैंगरेप: घटना के साल भर बाद भी पीड़ित परिवार इंसाफ़ की बाट जोह रहा है

आरोप है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर 2020 को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 साल की दलित युवती के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट और कथित तौर पर बलात्कार किया था. 29 सितंबर को इलाज के दौरान युवती की मौत के बाद प्रशासन ने आनन-फानन में देर रात उनका अंतिम संस्कार कर दिया था.

‘भारत का प्रधानमंत्री होने का… अधिकार हमारा है’

रघुवीर सहाय की 'अधिकार हमारा है' एक नागरिक के देश से संबंध की बुनियादी शर्त की कविता है. यह मेरा देश है, यह ठीक है लेकिन यह मुझे अपना मानता है, इसका सबूत यही हो सकता है कि यह इसके 'प्रधानमंत्री' पद पर मेरा हक़ कबूल करता है या नहीं. मैं मात्र मतदाता हूं या इस देश का प्रतिनिधि भी हो सकता हूं?

वाल्मीकि की तालिबान से तुलना का आरोप: यूपी के बाद मध्य प्रदेश में मुनव्वर राना के ख़िलाफ़ केस दर्ज

मशहूर शायर मुनव्वर राना पर महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करने का आरोप है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में केस दर्ज होने के बाद मध्य प्रदेश के गुना शहर में एफ़आईआर दर्ज कराई गई है. राना ने कथित तौर पर कहा था कि वाल्मीकि रामायण लिखने के बाद भगवान बन गए. इससे पहले वह एक डकैत थे. इसी तरह तालिबान अभी आतंकवादी हैं, लेकिन लोग और चरित्र बदलते हैं.

यूपी: महर्षि वाल्मीकि से तालिबान की तुलना के आरोप में मुनव्‍वर राना के ख़िलाफ़ केस दर्ज

वाल्मीकि समाज के नेता पीएल भारती की शिकायत पर मशहूर शायर मुनव्वर राना के ख़िलाफ़ धार्मिक भावनाएं भड़काने तथा अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. राना ने एक चैनल से बात करते हुए कथित तौर पर कहा था कि वाल्मीकि रामायण लिखने के बाद भगवान बन गए, इससे पहले वह एक डकैत थे. व्यक्ति का चरित्र बदल सकता है. इसी तरह तालिबान अभी आतंकवादी हैं, लेकिन लोग और चरित्र बदलते हैं.

हाथरस मामला: शांतिभंग के लिए गिरफ़्तार अतीक़-उर-रहमान की हालत गंभीर, परिवार ने की रिहाई की मांग

वीडियो: देशद्रोह और यूएपीए के तहत गिरफ़्तार उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर निवासी अतीक़-उर-रहमान की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है. परिवार और उनके वकील का कहना है कि वह दिल की बीमारी से पीड़ित हैं. बार-बार अर्ज़ी देने के बाद भी न तो सुनवाई हो रही न उनका सही इलाज करवाया जा रहा है. द वायर ने अतीकुर्रहमान के वक़ील मधुवन दत्त, भाई और पत्नी से बात की.

गोरखपुर ऑनर किलिंग: ‘मेरा भाई घर की रीढ़ था, वो टूट गई, हमारा परिवार बिखर गया’

बीते दिनों गोरखपुर ज़िले के उरुवा ब्लॉक में ग्राम पंचायत अधिकारी अनीश कुमार की सरेबाज़ार हत्या कर दी गई थी. अनीश ने अपनी सहकर्मी दीप्ति मिश्रा से अंतरजातीय विवाह किया था. बताया गया है कि दीप्ति के दलित व्यक्ति से विवाह करने से नाराज़ उनका परिवार काफ़ी समय से अनीश को धमका रहा था.

एससी/एसटी उत्पीड़न मामलों में 2019 में हुई 11.46 प्रतिशत की वृद्धि: सरकार

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने राज्यसभा को बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न से संबंधित मामलों में जहां 2017 की तुलना में 2018 में 11.15 प्रतिशत की कमी आई थी, वहीं, 2019 में इनकी संख्या में 11.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई. साल 2015 से 2019 के बीच उत्तर प्रदेश में लगातार सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

उत्तर प्रदेश: उच्च जाति के लोगों ने दलित छात्र की जबरन मूंछें मुड़वाई, केस दर्ज

घटना 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के बड़गांव थाना क्षेत्र के शिमलाना गांव में हुई थी. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने बताया कि नाई समेत सात आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत केस दर्ज किया गया है.

पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज, बाकी तीन सदस्यों की पहले ही हो चुकी ख़ारिज

यूपी पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में हाथरस जाने के रास्ते में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद उन पर शांतिभंग और यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए गए थे. आरोप है कि कप्पन और उनके साथी हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के मद्देनज़र सांप्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे.

यूपी: प्रियंका गांधी ने आज़मगढ़ में दलित के उत्पीड़न का आरोप लगाया, सपा ने न्याय की मांग की

उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के रौनापार के पलिया गांव में बीते 29 जून को एक व्यक्ति से कुछ लोगों का विवाद हो गया था. इस दौरान वहां पहुंचे पुलिस के जवानों पर भी कथित रूप से हमला किया गया. आरोप है कि उसके बाद मुख्य आरोपी बताए जा रहे ग्राम प्रधान के मकान में तोड़फोड़ की व मकान को पुलिस द्वारा गिरा दिया. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने न्याय की मांग पर 19 जुलाई को आज़मगढ़ जाने की

उत्तर प्रदेश: भाजयुमो के पूर्व प्रदेश महामंत्री कुंवर सिंह निषाद ने भाजपा छोड़ने की घोषणा की

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के निषाद समुदाय के साथ समीकरण गड़बड़ाते हुए नज़र आ रहे हैं. प्रदेश में भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने हाल ही में ख़ुद को उपमुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किए जाने की मांग की थी. इससे पहले उन्होंने राज्य सरकार में सम्मानजनक जगह न मिलने पर 2022 का चुनाव अकेले लड़ने की बात भी ​कह चुके हैं.

उत्तर प्रदेश: यूएपीए के तहत जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक कप्पन की मां का निधन

यूपी पुलिस ने पिछले अक्टूबर में हाथरस जाने के रास्ते में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था, जिसके बाद उन पर शांतिभंग और यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए गए थे. इसी हफ्ते मथुरा की स्थानीय अदालत ने इन सभी को शांतिभंग के आरोपों से मुक्त किया है.

हाथरस मामलाः पत्रकार कप्पन, तीन अन्य के ख़िलाफ़ शांति भंग के आरोप रद्द

उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. उन पर आरोप लगाया था कि हाथरस सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के मद्देनज़र सांप्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे. यूपी सरकार ने दावा किया था कि कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं.

उत्तर प्रदेश: अलीगढ़ ज़िले के नूरपुर गांव से हिंदू पलायन का पूरा सच

वीडियो: नूरपुर गांव उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में स्थित है. टप्पल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस गांव में मुस्लिम समुदाय की बड़ी आबादी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक कस्बे में करीब 800 मुस्लिम परिवार और 125 हिंदू परिवार रहते हैं. अधिकांश हिंदू परिवार जाटव समुदाय (अनुसूचित जाति) से संबंधित हैं. कुछ दलित परिवारों द्वारा अपने घरों पर ‘बिक्री के लिए घर है’ लिखे जाने के बाद से यह गांव चर्चा में है.

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