मोहम्मद ज़ुबैर की हिरासत से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को उस याचिका पर अपना जवाब दाख़िल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया, जिसमें निचली अदालत के 28 जून के आदेश को चुनौती दी गई है. निचली अदालत ने ज़ुबैर को चार दिन की पुलिस हिरासत में देने का आदेश दिया था. ज़ुबैर को एक ट्वीट के ज़रिये धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में बीते 27 जून को गिरफ़्तार किया था.

दिल्ली दंगा: युवकों को राष्ट्रगान गाने पर मजबूर करने वाले पुलिसवालों की दो साल बाद भी पहचान नहीं

साल 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ पुलिसवाले ज़मीन पर घायल पड़े फ़ैज़ान और अन्य युवकों को पीटते हुए उनसे राष्ट्रगान और वंदे मातरम गंवाने को मजबूर करते देखे जा सकते थे. घटना के बाद 23 वर्षीय फ़ैज़ान की मौत हो जाती है. दिल्ली पुलिस ने आरोपी पुलिसवालों की सूचना देने वालों को एक लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है.

सीएए प्रदर्शन: भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ हेट स्पीच के लिए एफ़आईआर के अनुरोध वाली याचिका ख़ारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान कथित घृणास्पद भाषण यानी हेट स्पीच के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के संबंध में माकपा की नेता वृंदा करात और केएम तिवारी की याचिका में दावा किया था कि दोनों ने लोगों को भड़काने की कोशिश की थी, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में दो अलग-अलग विरोध स्थलों पर गोलीबारी की तीन घटनाएं हुईं.

एयरपोर्ट पर कोविड नियमों का उल्लंघन करने वालों को ‘नो-फ्लाई’ सूची में डाल देना चाहिए: अदालत

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हवाईअड्डों और विमान में मास्क लगाने तथा हाथ धोने से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ न सिर्फ़ मामला दर्ज होना चाहिए, बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए.

उमर ख़ालिद के भाषण की भाषा ठीक नहीं, पर इसे आतंकवादी कृत्य नहीं कहा जा सकता: हाईकोर्ट

दिल्ली दंगे संबंधी मामले में गिरफ़्तार उमर ख़ालिद की ज़मानत याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने अमरावती में दिए उनके भाषण को लेकर कहा कि यह 'आक्रामक' और 'आपत्तिजनक' था, इसे 'मानहानिकारक माना जा सकता है लेकिन आतंकवादी गतिविधि नहीं ठहराया जा सकता.'

दिल्ली दंगा: अदालत ने नेताओं को जवाब देने के लिए दो हफ़्तों का वक़्त दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में कई नेताओं और अन्य लोगों को पक्षकार बनाए जाने और उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किए जाने संबंधी याचिकाओं पर जवाब देने के लिए उन्हें दो हफ़्तों का समय दिया. याचिकाओं में इन नेताओं पर नफ़रती भाषण देकर दंगों के लिए माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए जांच का भी अनुरोध किया गया है.

दिल्ली दंगा: दो साल हिरासत में रहे आरोपी की ज़मानत याचिका पर हाईकोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा

फरवरी 2020 में हुए दंगों के कथित साज़िश से संबंधित मामले में यूएपीए के आरोपी मोहम्मद सलीम ख़ान ने इस आधार पर ज़मानत मांगी है कि उन्हें हिरासत में दो साल पूरे हो चुके हैं और इस मामले में उनकी भूमिका बहुत सीमित और वीडियो फुटेज पर आधारित है. साथ ही उन्होंने अदालत को बताया कि उन्हें एक अन्य मामले में ज़मानत मिल चुकी है, जो उसी वीडियो फुटेज पर आधारित है.

मैरिटल रेप पर हाईकोर्ट के खंडित आदेश के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत में याचिका दायर

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मामले में खंडित फ़ैसला देने के बाद एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है. 11 मई को हाईकोर्ट की पीठ के एक जज ने आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के तहत दिए गए अपवाद के प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे न्यायाधीश ने कहा था कि यह अपवाद असंवैधानिक नहीं है.

राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शरजील ने अंतरिम ज़मानत की अर्ज़ी दाख़िल की

इस साल जनवरी में दिल्ली की एक अदालत ने साल 2019 में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम के ख़िलाफ़ राजद्रोह का अभियोग तय किया था. इसी महीने सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह क़ानून पर विचार होने तक इससे संबंधित सभी कार्यवाहियों पर रोक लगाने का आदेश दिया था.

मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने के मामले में हाईकोर्ट ने खंडित निर्णय दिया

दिल्ली हाईकोर्ट की एक पीठ ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मामले में खंडित फ़ैसला दिया, जहां एक जज ने आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के तहत दिए गए अपवाद के प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे न्यायाधीश ने कहा कि यह असंवैधानिक नहीं है. कार्यकर्ताओं ने इस निर्णय पर निराशा ज़ाहिर की है.

दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश, इतिहासकार विक्रम संपत के ख़िलाफ़ मानहानिकारक सामग्री हटाए ट्विटर

रटगर्स यूनिवर्सिटी की इतिहासकार ऑड्रे ट्रुशके और अमेरिका में भारत के दो अन्य इतिहासकारों- जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर अनन्या चक्रवर्ती और सांता क्लारा यूनिवर्सिटी के रोहित चोपड़ा ने हिंदुत्व विचारक सावरकर की दो खंड की जीवनी के लेखक विक्रम संपत पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया है.

उमर ख़ालिद के भाषण को लेकर कोर्ट ने पूछा- क्या प्रधानमंत्री के लिए ‘जुमला’ शब्द का प्रयोग उचित

उमर ख़ालिद ने फरवरी 2020 में महाराष्ट्र के अमरावती में दिए गए भाषण में मोदी सरकार की आलोचना की थी, जिसके ख़िलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आलोचना के लिए भी एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए.

90 वर्षीय पद्म पुरस्कार विजेता से छिना सरकारी आवास, आठ कलाकारों को दो मई तक का नोटिस

केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित ओडिसी नृत्य गुरु मायाधर राउत को आवंटित सरकारी आवास उनसे ख़ाली करा लिया है और देश के आठ मशहूर कलाकारों से कहा है कि वे 2 मई तक अपने-अपने सरकारी आवास ख़ाली कर दें.

दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के बाहर हुई घटना पुलिस की चूक, सुरक्षा प्रबंध अपर्याप्त थे: कोर्ट

दिल्ली विधानसभा में फिल्म कश्मीर फाइल्स पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के ख़िलाफ़ 30 मार्च को भाजयुमो ने अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. इस दौरान कुछ सदस्यों ने बैरिकेड और मेनगेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की थी. अदालत ने घटना को ‘बहुत परेशान करने वाली स्थिति’ क़रार देते हुए पुलिस कमिश्नर को जांच करने के लिए कहा है.

कोर्ट ने उमर ख़ालिद के भाषण को ‘घृणित, नफ़रत से भरा’ बताया, पर असल में उन्होंने क्या कहा था

उमर ख़ालिद ने फरवरी 2020 में महाराष्ट्र के अमरावती में दिए गए भाषण में मोदी सरकार की आलोचना की थी, सीएए विरोधी आंदोलन का उल्लेख किया था और नफ़रत को प्यार से जीतने की बात कही थी.

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