दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहिणी के एक आश्रम के प्रबंधन पर नाराज़गी व्यक्त की, जहां कई महिलाओं को ‘जानवरों जैसी स्थितियों’ में रखने का आरोप है. अदालत ने कहा कि आश्रम की स्थापना करन वाले व्यक्ति के ख़िलाफ़ सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया है और वर्तमान में वह फ़रार है. ऐसे में यह स्वीकार करना मुश्किल है कि बाशिंदे अपनी मर्ज़ी से वहां रह रहे हैं.
विशेष अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत के निर्देश को बरक़रार रखते हुए कहा कि जिस तरह आकार पटेल के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया, वह संबंधित क़ानून की समझ की कमी को दर्शाता है. इससे पहले मजिस्ट्रेट अदालत ने सीबीआई को तुरंत सर्कुलर वापस लेने का निर्देश दिया था.
एफसीआरए के कथित उल्लंघन मामलों की दो साल की जांच के बाद 31 दिसंबर, 2021 को एजेंसी ने दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत में आकार पटेल और एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के ख़िलाफ़ अधिनियम की धारा 35, 39 और 11 के तहत आरोप पत्र दायर किया था.
दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और लेखक आकार पटेल को अमेरिका जाने की अनुमति देते हुए सीबीआई को लुकआउट सर्कुलर वापस लेने का निर्देश दिया था. अब उसने इस आदेश पर रोक लगा दी है. वहीं, गुरुवार शाम को पटेल को फिर बेंगलुरु हवाईअड्डे पर रोक दिया गया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और लेखक आकार पटेल को सीबीआई द्वारा उनके ख़िलाफ़ जारी लुकआउट सर्कुलर का हवाला देकर बीते छह अप्रैल को बेंगलुरु हवाईअड्डे से देश छोड़कर जाने से रोक दिया गया था. अदालत ने सीबीआई निदेशक को अपने अधीनस्थ की ओर से चूक को स्वीकार करते हुए पटेल को एक लिखित माफ़ी जारी करने को भी कहा है.
सीबीआई ने एफसीआरए से जुड़े एक मामले में लुकआउट सर्कुलर का हवाला देकर एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख और लेखक आकार पटेल को बेंगुलरू हवाईअड्डे पर रोक दिया गया. वह बर्कले और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए अमेरिका जा रहे थे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यह निर्देश दिया जाता है कि रमज़ान के दौरान निजामुद्दीन मरकज़ के भूतल और चौथी मंज़िल पर नमाज़ तथा धार्मिक इबादत की अनुमति होगी. यह व्यवस्था केवल रमज़ान के एक महीने के लिए है, जिसका समापन ईद-उल-फ़ित्र के साथ होगा. अदालत ने स्पष्ट किया कि परिसर में कोई ‘तबलीग़ी गतिविधि’ या तक़रीर नहीं होगी.
उमर ख़ालिद की ज़मानत ख़ारिज करने के फ़ैसले में अदालत यह कबूल कर रही है कि बचाव पक्ष के वकील पुलिस के बयान में जो असंगतियां या विसंगतियां दिखा रहे हैं, वह ठीक है. लेकिन फिर वह कहती है कि भले ही असंगति हो, उस पर वह अभी विचार नहीं करेगी. यानी अभियुक्त बिना सज़ा के सज़ा काटने को अभिशप्त है!
दिल्ली हाईकोर्ट माकपा नेता वृंदा करात और केएम तिवारी द्वारा दिल्ली दंगों से पहले हेट स्पीच के आरोप में भाजपा नेता अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की मांग ख़ारिज करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है.इस दौरान कोर्ट ने कहा कि चुनावी भाषण में नेताओं द्वारा कई बातें कही जाती हैं, लेकिन हमें किसी भी घटनाक्रम की आपराधिकता को देखना होगा.
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा की साज़िश रचने के आरोप में ग़ैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ़्तार किया था. फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए और एनआरसी के समर्थन और विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी, 2020 में हुए दंगों से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है,जिसमें मांग की गई है कि सीएए के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के बाद हुए दंगों में कथित रूप से घृणा भाषण देने के संबंध में इन नेताओं की जांच की जाए. अदालत ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा और अन्य को नए नोटिस जारी किए.
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने इन शोधार्थियों से इस आधार पर अपना शोध पर्यवेक्षक बदलने को कहा कि उनका शोध पर्यवेक्षक तीन साल से भी कम समय में सेवानिवृत्त हो जाएगा. इन शोधकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि विश्वविद्यालय का यह फैसला अवैध, अनावश्यक और दुर्भावनापूर्ण है.
दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ को मार्च 2020 में तबलीग़ी जमात के एक आयोजन के बाद से बंद कर दिया गया है. दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड ने शब-ए-बारात और रमज़ान के दौरान इबादत के लिए मरकज़ के तीन तल खोलने की अनुमति मांगी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि शब-ए-बारात से एक दिन पहले 18 मार्च की दोपहर मरकज़ खोला जाएगा और इसे अगले दिन शाम को बंद कर दिया जाएगा.
वर्ष 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें फ़ैज़ान के अलावा जमीन पर घायल पड़े कुछ युवकों को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों द्वारा पीटते हुए उन्हें राष्ट्रगान व वंदे मातरम गाने को मजबूर करते देखा जा सकता था. इस घटना के बाद फ़ैज़ान की मौत हो गई थी.
मार्च 2020 में दिल्ली स्थित निज़ामुद्दीन मरकज़ में तबलीगी जमात के कार्यक्रम के आयोजन के बाद से उसे बंद कर दिया गया है. दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड शब-ए-बारात और रमज़ान के दौरान इबादत के लिए मरकज़ के तीन अन्य तल खोलने की अनुमति मांगी है.