दिल्ली दंगा मामले में आरोपी जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ़ इक़बाल तन्हा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि संबंधित अदालत द्वारा संज्ञान लेने से पहले ही जांच एजेंसी द्वारा दर्ज उनके बयान को कथित रूप से मीडिया में लीक करके पुलिस अधिकारियों ने कदाचार किया है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि सीएए के तहत पात्र लाभार्थी, नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद ही नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 30 जुलाई तक भारतीय नागरिकता के लिए अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू समुदाय से 4,046 आवेदन राज्य सरकारों के पास लंबित हैं. वहीं, 10 आवेदन केंद्र सरकार के पास लंबित हैं.
दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 23-24 अप्रैल की दरमियानी रात कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण 21 मरीज़ों की मौत हो गई थी. मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की मांग करते हुए याचिका दायर कर कहा है कि पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से न तो उन्हें गिरफ़्तार किया और न ही उनके ख़िलाफ़ जांच शुरू की.
पांच जनवरी 2020 की रात कुछ नकाबपोशों ने जेएनयू कैंपस में घुसकर विभिन्न हॉस्टलों में तोड़फोड़ की थी. उपद्रवियों ने छात्रों और कुछ शिक्षकों को बर्बर तरीके से पीटा भी था. इस हिंसा में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष ओईशी घोष समेत 30 से अधिक लोग घायल हुए थे.
25 फरवरी 2020 को 18 वर्षीय मोनिस अपने पिता से मिलकर और मिठाइयां लेकर घर वापस लौट रहा था कि तभी दंगे भड़क गए. जब वह दिल्ली के यमुना बस स्टैंड पर उतरा तो उसने दंगों को भड़कते देखा. उग्र भीड़ ने उसके मुस्लिम होने का पता चलने के बाद लाठी-डंडों और पत्थरों से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी.
दिल्ली विधानसभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में राकेश अस्थाना की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के उस फ़ैसले का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि पुलिस प्रमुख पद के लिए सिर्फ ऐसे अधिकारियों पर विचार किया जा सकता है, जिनकी सेवानिवृत्ति में कम से कम छह महीने बचे हों.
बीते सोमवार को कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी कुछ कांग्रेसी नेताओं और सांसदों के साथ ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे थे. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया था कि इसके बाद उन्हें और कुछ अन्य पार्टी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने सात घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा.
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सीएए के नियम अभी तैयार नहीं हो पाए हैं, इसलिए उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ समितियों से अनुरोध किया है कि वे इन नियमों को बनाने के लिए नौ जनवरी 2022 तक का अतिरिक्त समय दें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने एजीएमयूटी कैडर से बाहर गुजरात कैडर के राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को मंज़ूरी दी है. अस्थाना की नियुक्ति 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले हुई है. उनका कार्यकाल एक साल का होगा.
यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किए गए जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि अभियोजन पक्ष, मामले में दायर आरोप-पत्र के हवाले से अदालत में आरोपी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया मामला दिखाएगा. मामला एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है और यह छह मार्च 2020 को दर्ज हुआ था. ख़ालिद को दंगे से संबंधित एक अन्य मामले में ज़मानत मिल चुकी है.
मामला दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके का है. मणिपुर के पत्रकार रोनेंद्र सिंह सपम ने अपनी शिकायत में कहा है कि पूरी तरह तैयार हुए बिना और साज-सज्जा के बग़ैर फ्लैट देने पर बिल्डर के ख़िलाफ़ जब उन्होंने आवाज उठाने की कोशिश की, तब उनके पड़ोसियों ने उन्हें धमकी दी और उत्पीड़न किया.
22 जुलाई को जारी की गई अधिसूचना में कहा गया कि दिल्ली पुलिस प्रमुख को यह शक्तियां 19 जुलाई से 18 अक्टूबर 2021 तक के लिए दी गई हैं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि यह नियमित आदेश है और इसे सामान्य तौर पर जारी किया जाता है. हालांकि यह आदेश ऐसे समय में आया है जब केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ का आयोजन कर रहे हैं.
दिल्ली दंगों संबंधी मामले में तीन छात्र कार्यकर्ताओं की ज़मानत रद्द करने की दिल्ली पुलिस की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने इशारा किया है कि वह इस पहलू पर विचार करने को तैयार नहीं है.
दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में पहला फैसला सुनाते हुए सुरेश नामक व्यक्ति को बरी कर दिया. उनकी बहन ने दावा किया कि पुलिस ने मास्क नहीं पहनने के कारण उन्हें पकड़ा था. जब उसके माता-पिता थाने गए तो पुलिस ने उन्हें मास्क लगाने का महत्व बताते हुए डांटा था. अगले दिन सुरेश को तिहाड़ जेल भेज दिया और एक महीने बाद आरोप-पत्र दिया गया जिसमें उन पर दंगों का आरोप लगाया गया
दिल्ली की एक अदालत ने सुरेश नामक आरोपी को बरी करते हुए कहा कि पुलिस इस केस को साबित करने में बुरी तरह फेल हुई है. दिल्ली पुलिस का आरोप था कि आरोपी सुरेश ने दंगाइयों की भीड़ के साथ मिलकर कथित तौर पर 25 फरवरी, 2020 की शाम को बाबरपुर रोड पर स्थित एक दुकान का ताला तोड़कर लूटपाट की थी.