एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के महीनों में विपक्ष शासित आठ राज्य सरकारों द्वारा उनके राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई ‘आम सहमति’ वापस ली गई है.
झारखंड में मुख्य विपक्षी भाजपा ने इस क़दम की आलोचना की और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार ने अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए यह क़दम उठाया है. बीते दो महीने में झारखंड चौथा राज्य है, जिसने सीबीआई को मिली आम सहमति रद्द कर दी है.