वीडियो: जून महीने को दुनियाभर के कई देशों में 'प्राइड मंथ' के तौर पर मनाया जाता है. इस महीने की पहली तारीख को डीयू के विद्यार्थियों ने एक मार्च निकाला, जिसका मक़सद एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के अधिकारों और संघर्षों पर बात करना, साथ ही समाज में उनके बारे में जागरूकता फैलाना था.
दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि मुहम्मद इक़बाल यानी अल्लामा इक़बाल पर एक अध्याय को बीए राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से हटाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है. आरएसएस से जुड़े एबीवीपी ने इस क़दम का स्वागत किया है.
कुछ वक़्त पहले तक कहा जा रहा था कि विश्वविद्यालयों को राष्ट्रवादी भावना का प्रसार करना है. उस दौर में परिसर में राष्ट्रध्वज लगाना और वीरता दीवार बनाना ज़रूरी था. अब राष्ट्रवाद का चोला उतार फेंका गया है और बिना संकोच के हिंदुत्व का प्रचार किया जा रहा है.
वीडियो: लोकसभा चुनाव में सालभर से कम समय बचा है. देश की युवा पीढ़ी जब अपना नेता चुनने की सोचती है, तो उसके लिए क्या महत्वपूर्ण है- कोई लोकलुभावन छवि वाला नेता या वो मुद्दे, जिनसे वो रोज़मर्रा की ज़िंदगी में दो-चार होते रहते हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने साझा की अपनी राय.
अकादमिक मामलों पर दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थायी समिति ने स्नातक पाठ्यक्रम से डॉ. बीआर आंबेडकर के दर्शन पर एक वैकल्पिक पाठ्यक्रम हटाने की सिफ़ारिश की है. हालांकि, दर्शनशास्त्र विभाग ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कुलपति से पाठ्यक्रम को बनाए रखने का अनुरोध किया है.
राहुल गांधी के डीयू के हॉस्टल जाकर छात्रों से मिलने के लिए उन्हें 'अव्यवस्था' का हवाला देते हुए नोटिस भेजा गया है. वहीं, पीजीआई चंडीगढ़ ने अपने एक हॉस्टल की छात्राओं को इसलिए दंडित किया है कि वे नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम 'मन की बात' की 100वीं कड़ी के सामूहिक श्रवण आयोजन से अनुपस्थित रहीं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के अध्यापक समरवीर सिंह की आत्महत्या से उस गहरी बीमारी का पता चलता है जो दिल्ली विश्वविद्यालय को, उसके कॉलेजों को बरसों से खोखला कर रही है; कि स्थायी नियुक्ति का आधार योग्यता नहीं, भाग्य और सही जगह पहुंच है.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2002 के गुजरात दंगों में उनकी कथित संलिप्तता पर बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में कथित रूप से शामिल होने के लिए एक छात्र लोकेश चुघ पर सालभर के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. उन्होंने इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
वीडियो: हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय ने कैंपस में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने वाले दो छात्रों पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया. दोनों छात्र- लोकेश चुघ और रविंदर सिंह एक साल तक कोई परीक्षा नहीं दे पाएंगे. दोनों छात्रों ने विश्वविद्यालय के इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं. उनसे बातचीत.
गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की संलिप्तता का दावा करने वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बीते 27 जनवरी को सरकार के इस क़दम के ख़िलाफ़ दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने परिसर में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी.
दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश की अपारदर्शी प्रक्रिया ने छात्रों को ढेरों अनसुलझे सवालों के साथ छोड़ दिया है.
डीयू के साथ आंबेडकर विश्वविद्यालय में भी छात्र संगठनों ने गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका से संबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा की थी. छात्रों का कहना है कि इसे रोकने के लिए पुलिस बुलवाई गई और बिजली काट दी गई. वहीं, महाराष्ट्र में टिस ने विद्यार्थियों को डॉक्यूमेंट्री दिखाने से मना किया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के छात्रावास में मांसाहारी भोजन बंद करने लेकर विवाद शुरू हो गया है. यहां की प्रिंसिपल का कहना है कि हमारा अपना दर्शन है और इसीलिए हम मांसाहारी भोजन नहीं परोसेंगे. हम नियमित रूप से ‘हवन’ करते हैं. इस फैसले के विरोध में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के परिसर में पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा की रिहाई की मांग को लेकर करीब 36 संगठनों के संयुक्त मोर्चे 'कैंपेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन' के बैनर तले प्रदर्शन किया जा रहा था. आरोप है कि इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी-डंडों आदि से हमला कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री से जुड़े विवाद पर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने साल 1978 के बीए के सभी डीयू रिकॉर्ड की पड़ताल का निर्देश दिया था, जिसके ख़िलाफ़ विश्वविद्यालय दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था. इसके बाद कोर्ट ने सीआईसी के आदेश पर रोक लगा दी थी.