बीते चार मई को उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद में 23 साल के पहलवान सागर राणा और उनके दो दोस्तों की कथित तौर पर कुछ अन्य पहलवानों ने बुरी तरह पिटाई की थी, जिसमें सागर की मौत हो गई थी. पीड़ितों का आरोप है कि झगड़े के समय ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार भी वहां मौजूद थे. दिल्ली की एक अदालत ने आरोपों को गंभीर बताते हुए सुशील को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार की उस अधिसूचना को भी ख़ारिज कर दिया, जिसमें में कहा गया था कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी लगेगा. अदालत ने कहा कि सरकार को कम से कम युद्ध, अकाल, बाढ़, महामारी के समय में करों के बोझ को कम करना चाहिए या कम से कम कम रखना चाहिए. इस तरह का दृष्टिकोण एक व्यक्ति को गरिमा का जीवन जीने की अनुमति देता है, जो संविधान के अनुच्छेद
देशभर में कोरोना संक्रमितों या इससे उबर चुके लोगों में ब्लैक फंगस संक्रमण देखा जा रहा है, पर मध्य प्रदेश में स्थिति बेहद ख़राब है. लगातार कई शहरों में बढ़ते मामलों और मौत की ख़बरों के बीच दवा और इंजेक्शन का अभाव तो बना ही है, वहीं सरकार को अब तक राज्य में आए ऐसे कुल मामलों की जानकारी तक नहीं है.
क्या पैसे, शोहरत और सुरक्षा की परवाह किए बगैर चुपचाप समाज के सबसे वंचित तबके की मदद करने वाले डॉ. प्रदीप बिजलवान के अस्पताल और ऑक्सीजन की जद्दोजहद के बीच गुज़र जाने के कोई मायने हैं? क्या वे भी उस सरकारी रिकॉर्ड में मौत का महज़ एक आंकड़ा बनकर रह जाएंगे, जिसमें आज की तारीख़ में लगभग दो लाख मौतें दर्ज हैं?
कोविड-19 से जूझ रहे मरीज़ों में पाए जा रहे ब्लैक फंगस संक्रमण अथवा म्यूकरमाइकोसिस के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से इसे महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अधिसूच्य बीमारी बनाकर सभी मामलों की सूचना देने को कहा है.
कोविड पर जिलाधिकारियों और अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा का सीधा प्रसारण करने पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पूछा कि इसका निर्धारण कैसे किया जाएगा कि कौन सी बैठक का सीधा प्रसारण किया जा सकता है. बीते महीने प्रधानमंत्री के साथ बैठक का अरविंद केजरीवाल द्वारा सीधा प्रसारण करने पर मोदी ने आपत्ति जताई थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के उत्पादन संबंधी याचिका को सुनते हुए कहा कि जब केंद्र के पास लाखों टीकों की खुराक प्राप्त करने का अवसर है तब भी कोई दिमाग नहीं लगा रहा है, जबकि सरकार को इसे एक अवसर के तौर पर अपनाना चाहिए.
दिल्ली के अलावा तेलंगाना सरकार ने राज्य में कोविड-19 टीके की कमी के कारण 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को दूसरी खुराक देना स्थगित कर दिया है और अभी तक 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू नहीं कर पाया है.
दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस महामारी के बीच ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कथित जमाखोरी और कालाबाज़ारी के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी नवनीत कालरा को गिरफ़्तार किया है. बीते दिनों दिल्ली में उनके तीन रेस्तरां से 500 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर ज़ब्त किए गए थे.
दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर आलोचना वाले पोस्टर लगाने के मामले में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें पोस्टर-बैनर लगाने वाले, प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले शामिल हैं. इस क़दम की आम आदमी पार्टी समेत कांग्रेस के विभिन्न नेताओं ने निंदा की है.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कहा कि महामारी के बाद यदि हम समाज के बारे में गंभीरता से सवाल नहीं उठाते हैं तो यह महामारी जितनी ही बड़ी त्रासदी होगी. उन्होंने कहा कि महामारी के चलते भारत के लिए यह त्रासदी भरा समय है और इस महामारी का एक प्रभाव यह है कि कई जगहों पर विभिन्न कारणों के चलते सरकार लोगों की मदद के लिए मौजूद नहीं थी.
बीते चार मई को उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद में 23 साल के पहलवान सागर राणा और उनके दो दोस्तों की कथित तौर पर कुछ अन्य पहलवानों ने बुरी तरह पिटाई की थी, जिसमें सागर की मौत हो गई थी. वह जूनियर नेशनल चैंपियन थे और सीनियर नेशनल कैंप का हिस्सा थे. पीड़ितों का आरोप है कि झगड़े के समय ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार भी वहां मौजूद थे.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले ये पोस्टर शहर के कई हिस्सों में लगाए गए. इनमें लिखा था कि मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?
वीडियो: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है. इस बीच केंद्र सरकार ने एक मई से 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए कोविड टीकाकरण शुरू कर दिया है. हालाकि तमाम राज्यों ने वैक्सीन की कमी होने की बात की है. द वायर ने दिल्ली के वैक्सीनेशन सेंटर जाकर वहां का हाल जाना और लोगों से बात की.
कोविड-19 महामारी से जूझ रहे दिल्ली में पांबदियों के बीच सेंट्रल विस्टा परियोजना का निर्माण कार्य जारी रखने की वजह से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विपक्ष की आलोचनाओं के केंद्र में है. इतना ही नहीं सरकार ने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए इस परियोजना को ‘आवश्यक सेवाओं’ की श्रेणी में सूचीबद्ध कर दिया है.