चुनावी बॉन्ड: मोदी सरकार ने नियमों से छेड़छाड़ कर भाजपा को एक्सपायर बॉन्ड भुनाने की अनुमति दी

भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 मई 2018 को कुछ चुनावी बॉन्ड धारक 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ नई दिल्ली में बैंक की मुख्य शाखा पहुंचे थे. आधे बॉन्ड 3 मई 2018 और बाकी आधे 5 मई 2018 को खरीदे गए थे. दोनों ही तारीखों पर खरीदे गए बॉन्ड की उन्हें भुनाने की 15 दिन की अवधि समाप्त होने के बावजूद भुनाया गया.

स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत संचालित अस्पतालों में रिक्त पदों को लेकर संसदीय समिति ने चिंता जताई

समिति ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित एम्स को रिक्त पदों को भरने के लिए आवश्यक निर्देश दिए जाने के बावजूद ग्रुप-ए के कुल 404 मेडिकल पद ख़ाली हैं. इसी तरह ग्रुप-बी के 26.82 फीसदी और ग्रुप-सी के 20.73 फीसदी पद भी भरे नहीं गए हैं.

पारदर्शिता संबंधी चिंताओं के बीच राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड से मिले 10,000 करोड़ रुपये

राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिलने वाले चंदे को लेकर 'अपारदर्शिता' संबंधी चिंताओं के बीच आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि हाल में ख़त्म हुए बॉन्ड बिक्री के 21वें चरण तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड बिक चुके हैं.

बीते चार सालों में बिके कुल चुनावी बॉन्ड में से 92 फीसदी एक करोड़ रुपये मूल्य के: आरटीआई

स्टेट बैंक से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, पिछले चार वर्षों में लगभग 7,995 करोड़ रुपये के 15,420 चुनावी बॉन्ड बेचे गए. इनमें से 7,974 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 15,274 चुनावी बॉन्ड राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए. 20 करोड़ रुपये से कुछ अधिक मूल्य के नहीं भुनाए गए बॉन्ड प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष भेजे गए.