असम: ‘विदेशी’ घोषित कर डिटेंशन सेंटर भेजी गई महिला को छह साल बाद भारतीय माना गया

कछार ज़िले की दुलुबी बीबी की नागरिकता साल 1997 के विधानसभा चुनाव की वोटर्स लिस्ट में दर्ज नाम के आधार पर संदिग्ध मानी गई थी और 2017 में उन्हें फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने 'विदेशी' घोषित कर दिया था. वे दो साल डिटेंशन सेंटर में रहीं. अब ट्रिब्यूनल ने उनके द्वारा दिए गए दस्तावेज़ों को सही माना है.

असम में एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में अनियमितताएं: कैग रिपोर्ट

बीते सप्ताह असम विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट में कहा गया कि एनआरसी अपडेट प्रक्रिया के लिए बेहद सुरक्षित और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर विकसित करने की ज़रूरत थी, लेकिन ऑडिट में इस संबंध में उपयुक्त योजना नहीं होने की बात सामने आई. इसके अलावा धनराशि के उपयोग में भी विभिन्न अनियमितताएं पाई गईं.

असम एनआरसी प्रमुख ने आंकड़ों में ‘विसंगतियों’ के आरोप में हजेला के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के असम समन्वयक हितेश देव शर्मा ने अपने पूर्ववर्ती प्रतीक हजेला और अन्य पर रजिस्टर को अद्यतन करते समय राष्ट्र विरोधी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए सीआईडी में एक शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि एक अधिकारी ने बताया कि सीआईडी ने अभी आरोपियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज नहीं की है.

असमः हाईकोर्ट ने पहले ‘भारतीय’ फिर ‘विदेशी’ घोषित महिला की रिहाई का आदेश दिया

दरांग ज़िले की 55 वर्षीय महिला को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने साल 2016 में भारतीय बताया था लेकिन 2021 में उन्हें इसी ट्रिब्यूनल ने 'विदेशी' घोषित कर दिया. इसके बाद से वे 19 अक्टूबर से तेजपुर जेल में बने डिटेंशन केंद्र में बंद हैं. कोर्ट ने 2021 के निर्णय को ख़ारिज करते हुए कहा कि दोनों फ़ैसलों में याचिकाकर्ता की पहचान समान है और एक ही व्यक्ति के संबंध में दूसरी राय क़ायम नहीं रखी जा सकती.

असम में अगस्त 2019 में प्रकाशित एनआरसी अंतिम है: फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल

असम के करीमगंज ज़िले के एक व्यक्ति को भारतीय नागरिक घोषित करते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा कि राष्ट्रीय पहचान पत्र अभी जारी किए जाने बाकी हैं लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि 2019 में प्रकाशित नागरिक रजिस्टर फाइनल एनआरसी है.

असम सरकार ने डिटेंशन सेंटर का नाम बदलकर ‘ट्रांज़िट कैंप’ किया

असम के गोआलपाड़ा, कोकराझार, तेजपुर, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और सिलचर ज़िलों की जेलों में छह डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं, जहां 'अवैध विदेशी नागरिकों' को रखा जाता है.

एनआरसी आवेदकों का बायोमेट्रिक डाटा ‘लॉक’ किए जाने का मामला केंद्र के समक्ष उठाया है: असम सरकार

31 अगस्त, 2019 को एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित करने से पहले दावे एवं आपत्ति की प्रक्रिया के दौरान 27 लाख से ज्यादा आवेदकों की बायोमेट्रिक जानकारी एकत्रित की गई थी. एनआरसी की चल रही प्रक्रिया लंबित होने की वजह से इन आवेदकों के आंकड़ों को फ्रीज कर दिया गया है, जिसकी वजह से वे आधार नंबर प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

असम: एनआरसी में गड़बड़ी के आरोप में पूर्व संयोजक प्रतीक हजेला के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज

ग़ैर सरकारी संगठन असम पब्लिक वर्क्स ने आरोप लगाया है कि हजेला और उनके सहयोगियों ने प्रवासी पृष्ठभूमि वाले कुछ अधिकारियों, डेटा एंट्री ऑपरेटरों, कुछ अल्पसंख्यक नेताओं और कुछ राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथ मिलकर वेरिफिकेशन में गड़बड़ी कर अपडेटेड एनआरसी में कथित अवैध प्रवासियों का नाम जोड़ा.

असम एनआरसी के पुनर्सत्यापन के लिए कोऑर्डिनेटर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया

असम एनआरसी के समन्वयक हितेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर दावा किया है कि एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में कई गंभीर, मौलिक और महत्वपूर्ण त्रुटियां सामने आई हैं, इसलिए इसके पुन: सत्यापन की आवश्यकता है. सत्यापन का कार्य संबंधित ज़िलों में निगरानी समिति की देखरेख में किया जाना चाहिए.

मूल देश अवैध प्रवासियों को वापस लेने को तैयार नहीं तो उन्हें कैसे संभाला जाएगा: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट पिछले कई वर्षों से एक आफ्टर केयर होम में रखे गए पटना रेलवे स्टेशन से गिरफ़्तार दो महिला बांग्लादेशी प्रवासियों- मरियम ख़ातून और मौसमी ख़ातून की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. हाईकोर्ट ने डिटेंशन सेंटर और अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर केंद्र और बिहार सरकार से हलफ़नामा दाख़िल करने को कहा है.

संबंधित व्यक्ति को सुनने के बाद ही नागरिकता पर कोई फ़ैसला दिया जाए: गुवाहाटी हाईकोर्ट

विदेशी न्यायाधिकरण के एकतरफ़ा आदेश को दरकिनार करते हुए गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि नागरिकता किसी व्यक्ति का सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है. इससे पहले हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि नागरिकता साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को वोटर लिस्ट में शामिल सभी रिश्तेदारों के साथ संबंध का प्रमाण देना आवश्यक नहीं है.

नागरिकता साबित करने के लिए सभी रिश्तेदारों के साथ संबंध का प्रमाण ज़रूरी नहीं: हाईकोर्ट

असम के फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने अपने एक आदेश में हैदर अली नामक एक व्यक्ति को विदेशी घोषित कर दिया था, जबकि उन्होंने 1965 और 1970 के वोटर लिस्ट में शामिल अपने पिता और दादा के साथ संबंध को प्रमाण दिया था. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि व्यक्ति को सिर्फ़ इस आधार पर विदेशी नहीं घोषित किया जा सकता है कि वे वोटर लिस्ट में शामिल रिश्तेदारों के साथ अपने संबंध स्थापित नहीं कर पाया है.

असम विधानसभा चुनाव के बीच एनआरसी का मुद्दा कहां है…

ऐसे राज्य में जहां एनआरसी के चलते 20 लाख के क़रीब आबादी 'स्टेटलेस' होने के ख़तरे के मुहाने पर खड़ी हो, वहां के सबसे महत्वपूर्ण चुनाव में इस बारे में विस्तृत चर्चा न होना सवाल खड़े करता है.

एनआरसी के बचे कार्य के लिए 31 मार्च के बाद वित्तीय सहायता देने से रजिस्ट्रार जनरल ने किया इनकार

असम सरकार ने चार मार्च को लिखे पत्र में एनआरसी के लंबित कार्यों को 31 मार्च के बाद पूरा करने के लिए पूर्व में आवंटित 1600 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के अलावा अतिरिक्त 3.22 करोड़ रुपये प्रतिमाह जारी करने का अनुरोध किया था.