सुल्ली डील्स और बुली बाई डील्स नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिमों महिलाओं की तस्वीरों को बिना उन महिलाओं की मंज़ूरी के ‘नीलामी’ के लिए डाला गया था. सुल्ली डील्स बनाने वाले ओंकारेश्वर ठाकुर को ज़मानत देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि आरोपी ने पहली बार अपराध किया है और लंबे समय तक क़ैद उसके लिए नुकसानदायक हो सकती है.
मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने के पीछे की साज़िश का उद्देश्य है कि समुदाय को इस क़दर ज़िल्लत दी जाए, उनके आत्मसम्मान को इतनी ठेस पहुंचाई जाए कि थक-हारकर वे ऐसे ‘पराजित समुदाय’ के रूप में अपने अस्तित्व को स्वीकार कर लें, जो केवल बहुसंख्यकों की दया पर रहने को विवश है.
पिछले साल जुलाई में कुछ लोगों ने ‘बुली बाई’ की तरह ‘सुल्ली डील्स’ नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दी थीं. ‘सुल्ली डील्स’ मामले में इंदौर से गिरफ़्तार 26 वर्षीय ओमकारेश्वर ठाकुर के पिता ने कहा कि सिर्फ़ एक व्यक्ति के बयान के आधार पर बेटे को गिरफ़्तार कर दिल्ली ले जाया गया है. उसे बदनाम किया जा रहा है.
‘बुली बाई’ ऐप पर नीलामी के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरों को उनकी अनुमति के बिना अपलोड कर दिया गया था. पुलिस ने बताया कि असम के जोरहाट से गिरफ़्तार 21 वर्षीय नीरज बिश्नोई इस मामले का मुख्य साज़िशकर्ता है और उसने ऐप बनाने की बात स्वीकार कर ली है. पुलिस ने इस मामले में नीरज समेत चार लोगों को गिरफ़्तार किया है.
‘बुली बाई’ इस ऐप पर नीलामी के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरों को उनकी अनुमति के बिना अपलोड करने के मामले में गिरफ़्तार चौथे व्यक्ति की पहचान 21 वर्षीय नीरज विश्नोई के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि बिश्नोई ने ही गिटहब प्लेटफॉर्म पर ‘बुली बाई’ ऐप का निर्माण किया था और वह ट्विटर पर ‘बुली बाई’ का मुख्य अकाउंट होल्डर भी है.
मुंबई पुलिस ने बताया कि सिख समुदाय से संबंधित नामों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया गया कि ये ट्विटर हैंडल उस समुदाय के लोगों द्वारा बनाए गए हैं. ‘बुली बाई’ ऐप के ज़रिये जिन महिलाओं को निशाना बनाया गया, वे मुस्लिम थीं, इसलिए ऐसी संभावना थी कि इससे दो समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा हो सकती थी और सार्वजनिक शांति भंग हो सकती थी.
पिछले साल ‘सुली डील्स’ नामक ऐप की तरह ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने को लेकर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है. इस सिलसिले में बेंगलुरु से गिरफ़्तार किए गए छात्र को एक स्थानीय अदालत ने 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
दिल्ली पत्रकार संघ और इंडियन वीमेंस प्रेस कॉर्प्स ने ऐप के ज़रिये मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाए जाने पर रोष जताते हुए कहा कि अगर पुलिस ने कुख्यात 'सुल्ली डील' के दोषियों की पहचान कर ली होती, तो यह घटना दोहराई नहीं जाती.
पिछले साल ‘सुली डील्स’ नामक ऐप की तरह ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने को लेकर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है. पुलिस ने उत्तराखंड से एक महिला को भी हिरासत में लिया है. पुलिस के मुताबिक महिला और बेंगलुरु से गिरफ़्तार छात्र एक दूसरे को जानते हैं.
पिछले साल जुलाई महीने में ‘सुली डील्स’ नामक ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘ऑनलाइन नीलामी’ के लिए पोस्ट की गई थीं. इस संबंध में दिल्ली और नोएडा पुलिस ने अलग-अलग एफ़आईआर दर्ज की गई थी. हालांकि अब तक इसके ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई है. ‘बुली बाई’ पोर्टल मामले में भी केस दर्ज किया जा चुका है.