कोलकाता के सरकारी अस्पताल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले को चार महीने हो गए हैं. इस घटना के बाद पूरे बंगाल में अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था. मृतका के माता-पिता से द वायर की बातचीत.
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को मंगलवार शाम तक काम पर लौटने का निर्देश दिया था. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मानी जातीं, वे अपना विरोध जारी रखेंगे.
कोलकाता रेप-हत्या मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनरत डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह करते हुए कहा कि विरोध फ़र्ज़ की क़ीमत पर नहीं हो सकता.
एक स्वतंत्र और ख़ुद को विकसित बताने वाले देश में स्त्रियों का सुरक्षित न महसूस कर पाना हमारे लोकतंत्र और समाज की साझी असफलता है, लेकिन अपराधी को समय से सज़ा न दे पाना उससे भी बड़े ख़ौफ़ और शर्म का सबब है.
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को लेकर टीएमसी सांसद अरूप चक्रवर्ती ने कहा कि आंदोलन के नाम पर आप घर जाओ या बॉयफ्रेंड के साथ घूमो, पर अगर हड़ताल के चलते किसी मरीज़ की जान गई और जनता का आप पर ग़ुस्सा फूटा तो हम नहीं बचाएंगे.
मुंबई के पवई इलाके में स्थित जय भीम नगर बस्ती को जून महीने में गिरा दिया गया था. कोलकाता में हुई यौन हिंसा की घटना को लेकर क्षेत्र के हीरानंदानी गार्डन में हो रहे विरोध प्रदर्शन में फुटपाथ पर रहने को मजबूर हुई बस्ती की महिलाएं भी पहुंची थीं, लेकिन उन्हें हिस्सा नहीं लेने दिया गया.
बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवा डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के बाद बंगाल में आक्रोश है. 15 अगस्त की आधी रात को कुछ लोगों ने अस्पताल में धावा बोला और तोड़फोड़ की है.
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में एक कमरे और महिला शौचालय को गिराने का आदेश दिया गया है जो उस सेमिनार हॉल से कुछ ही फीट की दूरी पर हैं, जहां बीते हफ्ते एक जूनियर डॉक्टर का शव मिला था. इसे लेकर अस्पताल पर डॉक्टर के रेप और हत्या केस के सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप लग रहा है.
ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या को लेकर प्रदर्शन के बीच कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने सोमवार को इस्तीफ़ा दिया था. घोष राजनीतिक रसूख के लिए जाने जाते हैं और उनका नाम कई अन्य विवादों से भी जुड़ा रहा है.
कोलकाता के सरकारी अस्पताल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर पहले दिन से ही उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
पिछले कई हफ़्तों से डॉक्टर काम का अधिक बोझ होने के विरोध में नीट-पीजी काउंसिलिंग शुरू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद बीते दिनों उन्होंने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया था. इस आदेश से उन अनेक डॉक्टरों को राहत मिलेगी, जो पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इंतज़ार कर रहे हैं.
देश भर के डॉक्टरों की मांग है कि नीट-पीजी पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए, ताकि नए डॉक्टरों की भर्ती से उन पर मरीज़ों का बोझ घटे और कोरोना वायरस महामारी की आगामी आशांका को लेकर वे ख़ुद को उचित रूप से तैयार कर सकें.
फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन द्वारा नवंबर के अंत में ओपीडी सेवाओं को रोकने के साथ यह विरोध बीते 17 दिसंबर से लगातार जारी है. इससे दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफ़दरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीज़ों का इलाज प्रभावित हुआ है.
हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि देरी से वेतन देना नॉर्थ एमसीडी के अस्पतालों में चलन बन गया है. बीते कुछ समय में हिंदू राव के अलावा नॉर्थ एमसीडी के राजन बाबू टीबी अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल और गिरधारी लाल मैटरनिटी अस्पताल में तनख़्वाह में देरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं.
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच असम सरकार द्वारा नियमों में बदलाव करने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक पत्र लिखकर कहा है कि पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों की व्यवस्था किए बिना बेड बढ़ाना एक निरर्थक कवायद होगी. अगर उचित योजना नहीं बनाई गई, तो हालात संभालना मुश्किल हो जाएगा.