ख़बरों के अनुसार, उत्तराखंड की आयुर्वेदिक और यूनानी सेवाओं के अधिकारियों द्वारा जारी पत्र में रामदेव की पतंजलि दिव्य फार्मेसी को इसकी पांच दवाओं का उत्पादन और विज्ञापन बंद करने को कहा गया है. इससे पहले भी कंपनी द्वारा कोविड-19 का 'इलाज' बताई गई कोरोनिल समेत कुछ दवाओं को लेकर सवाल उठ चुके हैं.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कहा है कि डॉक्टर की निगरानी के बिना आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. प्राधिकरण ने कहा कि वह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्रवाई शुरू कर सकता है, अगर जांच के बाद यह पाया जाता है कि क़ानूनी ढांचे के उल्लंघन में किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा ऐसी दवाओं की बिक्री के लिए पेशकश की जाती है.
योग गुरु रामदेव के पतंजलि योगपीठ की इकाई दिव्य फार्मेसी पर अपने आयुर्वेदिक उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन जारी करने का आरोप है. इसे लेकर आयुर्वेद एवं यूनानी सेवा (उत्तराखंड) के लाइसेंसिंग अधिकारी ने कंपनी के ख़िलाफ़ ज़रूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.