दिल्ली स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को भारतीय न्यायशास्त्र पर केंद्रित एलएलबी कार्यक्रम शुरू करने की अनुमति मिली है, जिसके पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के चुनिंदा हिस्से को पढ़ाया जाएगा.
दिल्ली विश्वविद्यालय का विधि संकाय अपने स्नातक कार्यक्रम में उस संस्कृत ग्रंथ 'मनुस्मृति' को शामिल करने की योजना बना रहा है, जिसे जलाकर भारत के पहले क़ानून मंत्री डॉ. बीआर अंबेडकर ने समाज में मौजूद जाति व्यवस्था का विरोध किया था.
गलगोटिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर जो सवाल उठा, वह किसी एक कैंपस का मामला नहीं है. तमाम सरकारी विश्वविद्यालयों का भी गलगोटियाकरण हो रहा है. इस प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्रसंघ और गलगोटियातुर छात्रों की भूमिका अहम है.
अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी कहा था कि ‘अरबों की जिस ज़मीन पर इज़रायल क़ब्ज़ा करके बैठा है वह उसे खाली करनी होगी.’ उस विवेक से हम ऐसी संस्कृति तक आ पहुंचे हैं, जहां अमानवीय इज़रायली हिंसा के बावजूद भारतीय जनमानस का एक बड़ा हिस्सा उसके प्रति चुप्पी या समर्थन का भाव रखे हुए है.
अनामिका की एक सामान्य-सी कविता के एक संदर्भ को लेकर चल रही बहस के भीतर चिंगारियां या अदावत का आह्लाद तलाश करने के बजाय यह देखना ज़रूरी है कि हम शब्दों के प्रति कितने सचेतन हैं कि कविता के शब्द कभी हमारी स्मृतियों के भीतर भी कभी नहीं गिरें. भले ही वे नारायण पंडित के हितोपदेश के किसी श्लोक के शब्द हों या फिर अनामिका की किसी स्मृति के बिंब से जुड़े.
पुस्तक समीक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में पिछले 14 सालों से एडहॉक कोटे से पढ़ा रहे और अब बेदख़ल कर दिए गए डॉ. लक्ष्मण यादव की हाल ही में प्रकाशित किताब ‘प्रोफ़ेसर की डायरी’ एडहॉक व्यवस्था की क्रूरता का पर्दाफ़ाश करती है. इन व्यवस्था ने ऐसा वर्ग विभाजन पैदा किया है, जहां संभावनाशील और मेहनतकश प्रोफ़ेसरों को शोषण की अंतहीन चक्की में झोंक दिया जाता है.
डीयू के दौलतराम कॉलेज की एक एडहॉक शिक्षक डॉक्टर ऋतु सिंह को अगस्त 2020 में अचानक नौकरी से निकाल दिया गया था. उनका दावा है कि इसकी वजह जातिगत भेदभाव है, जिसे लेकर वे कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय के ख़िलाफ़ अगस्त 2023 से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.
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डीयू के रामानुजन कॉलेज ने फैकल्टी सदस्यों और शोधार्थियों के लिए भगवद गीता पर आधारित सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है. कॉलेज द्वारा जारी कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है कि इससे जुड़कर, प्रतिभागी न केवल आध्यात्मिक समझ को समृद्ध करेंगे बल्कि देश की सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत से भी परिचित होंगे.
बीते दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों से विभिन्न विभागों के ऐसे एडहॉक शिक्षकों को हटाने की घटनाएं सामने आई हैं, जो एक दशक से अधिक समय से सेवाएं दे रहे थे.
वीडियो: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कुछ दिन पहले आरएसएस ने पथ संचलन का कार्यक्रम किया था. इस आयोजन पर कई विद्यार्थी संगठनों ने नाराज़गी जताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी. जेएनयू के बाद अब दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में भी आरएसएस ने मार्च निकाला है.
वीडियो: क्या भारत के विश्वविद्यालयों के अंदर शैक्षणिक स्वतंत्रता नाम की कोई चीज़ बची है? यूनिवर्सिटी की परिभाषा विचारों के आदान-प्रदान की जगह की है, लेकिन क्या आज हिंदुस्तान में ऐसी कोई जगह बच पाई है? चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
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साक्षात्कार: बस्तर में चल रहे संघर्ष और दमन पर समाजशास्त्री और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर नंदिनी सुंदर की किताब 'द बर्निंग फ़ॉरेस्ट: इंडियाज़ वॉर इन बस्तर' का हिंदी अनुवाद हाल में आया है. क्षेत्र के हालात को लेकर विस्तृत शोध और सलवा जुडूम पर लड़ी गई कानूनी लड़ाई को लेकर उनसे बातचीत.
केंद्र सरकार के लिए उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालय आज प्रयोगशाला में बदल चुका है, जहां मनमाने निर्णय लिए जा रहे हैं, जिन्हें जल्दबाज़ी में और बिना किसी गहन विचार-विमर्श के लागू किया जा रहा है.