क्या भाजपा का असली चुनावी मुद्दा मुसलमान विरोध है?

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रचार अभियान में पार्टी के स्टार प्रचारक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिमों पर निशाना साध रहे है और कांग्रेस के घोषणा पत्र का नाम लेते हुए भ्रामक और फ़र्ज़ी दावे कर रहे हैं. क्या उनके चुनावी भाषणों का स्तर और नीचे गिरेगा, इस बारे में चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

मोदी के राजस्थान के भाषण के तीन दिन बाद चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष को नोटिस भेजा

नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान में दिए गए नफ़रती भाषण की व्यापक आलोचना के बाद निर्वाचन आयोग ने दो लगभग समान पत्र 25 अप्रैल को भाजपा और कांग्रेस के अध्यक्षों- जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष को मिला पत्र भाजपा द्वारा राहुल गांधी के ख़िलाफ़ दर्ज शिकायत पर आधारित है.

भड़काऊ भाषण पर चुनाव आयोग की चुप्पी: लोकतंत्र का अंत?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उनके दल के नेताओं की हेट स्पीच पर चुनाव आयोग की ख़ामोशी से अंदाज़ मिलता है कि भाजपा नेताओं को माहौल सांप्रदायिक बनाने के लिए उसने पूरी छूट दी है.

लोकसभा चुनाव ‘डिक्टेटर’ की दौड़ बन चुका है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार चुनाव शुरू होने के ऐलान के पहले सरकारी ख़र्चे से अपना प्रचार बड़े पैमाने पर कर चुकी थी. इस तरह वह पहले ही उस रेस में दौड़ना शुरू कर चुकी थी जहां विपक्षी दल इसके शुरू होने घोषणा का इंतज़ार कर रहे थे.

भाजपा को 2022-23 में चुनावी बॉन्ड से लगभग 1300 करोड़ रुपये मिले, जो कांग्रेस से 7 गुना अधिक है

भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक की गई भाजपा की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, सत्तारूढ़ दल की कुल आय वर्ष 2022-23 में बढ़कर 2,361 करोड़ रुपये हो गई, जो 2021-22 में 1,917 करोड़ रुपये थी. वहीं, कांग्रेस की कुल आय 2021-22 के 541.27 करोड़ रुपये से घटकर 2022-23 में 452.37 करोड़ रुपये रह गईं.

2022-23 में भाजपा ने दो हज़ार करोड़ रुपये कमाए

2022-2023 में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा कुल 2,800.36 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए. भाजपा की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि पार्टी को उस वर्ष बेचे गए चुनावी बॉन्ड्स की कुल राशि का 46% प्राप्त हुआ.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर भाजपा ने 196.7 करोड़ रुपये ख़र्चे, कांग्रेस से 43% ज़्यादा: रिपोर्ट

निर्वाचन आयोग को सौंपी गई राजनीतिक दलों की व्यय रिपोर्ट बताती है कि इस साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर भाजपा ने 136.90 करोड़ रुपये ख़र्च किए, जिनमें से सर्वाधिक 78.10 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर व्यय किए गए. कांग्रेस ने इस चुनाव पर कुल 136.90 करोड़ रुपये ख़र्च करने की जानकारी दी है.

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दो दिन बाद चुनावी बॉन्ड के 29वें बैच की बिक्री को मंज़ूरी मिली

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि देशभर में भारतीय स्टेट बैंक की अधिकृत शाखाएं 6 नवंबर से 20 नवंबर के बीच चुनावी बॉन्ड जारी कर सकती हैं. यह घोषणा पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से कुछ हफ्ते पहले आई है.

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले एसबीआई ने 1,148 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे

सूचना के अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी बॉन्ड की सबसे अधिक बिक्री स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की हैदराबाद शाखा (33 प्रतिशत) में हुई. वहीं एसबीआई की नई दिल्ली शाखा में बेचे गए सभी चुनावी बॉन्ड में से अधिकांश (800 करोड़ रुपये या 70 प्रतिशत) भुनाए गए.

1 2 3 5