विपक्ष शासित तीन राज्यों का पीएम-श्री योजना से इनकार, केंद्र ने स्कूली शिक्षा का फंड रोका

प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना का हिस्सा बनने से दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल द्वारा इनकार करने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत उन्हें मिलने वाले फंड को रोक दिया है. दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल की क्रमश: क़रीब 330 करोड़, 515 करोड़ और 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि रोक दी गई है.

यूजीसी-नेट रद्द होने पर आक्रोशित अभ्यर्थी, बोले- नौजवानों के सपनों का मुर्दाघर बन चुका है एनटीए

19 जून की रात शिक्षा मंत्रालय ने इसी सप्ताह हुई यूजीसी-नेट परीक्षा को 'शुचिता से संभावित समझौते' का हवाला देते हुए रद्द कर दिया. इस परीक्षा का ज़िम्मा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पर है, जो पहले से ही नीट-यूजी में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर सवालों के घेरे में है.

शिक्षण संस्थान भारतीय भाषाओं में हर पाठ्यक्रम की अध्ययन सामग्री डिजिटली उपलब्ध कराएं: सरकार

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों को अगले तीन वर्षों के भीतर भारतीय भाषाओं में हर पाठ्यक्रम के लिए अध्ययन सामग्री डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने कहा कि यह क़दम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के क्रम में है.

2018 से उच्च शिक्षण संस्थानों में आत्महत्या से 98 छात्रों की मौत: केंद्र

केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2018 और 2023 के बीच उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या करने वाले इन 98 छात्रों में से सबसे ज्यादा 39 आईआईटी से, 25 एनआईटी से और 25 केंद्रीय विश्वविद्यालयों से, चार आईआईएम से, तीन आईआईएसईआर से और दो आईआईआईटी से थे.

साल 2019 से 34,035 छात्रों ने उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई छोड़ दी

शिक्षा मंत्रालय ने संसद में बताया कि 2019 और 2023 के बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों में लगभग आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों से संबंधित थे.

5 सालों में 19 हज़ार से ज़्यादा एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों ने केंद्रीय शिक्षण संस्थान छोड़े: केंद्र

राज्यसभा में  एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने बताया कि पिछले पांच सालों में 6,901 ओबीसी, 3,596 एससी और 3,949 एसटी छात्रों ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों से ड्रॉपआउट किया. इसी  अवधि में 2,544 ओबीसी, 1,362 एससी और 538 एसटी छात्र आईआईटी छोड़कर गए.

शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों से कहा, प्रधानमंत्री की किताब ‘एग्ज़ाम वॉरियर्स’ सभी स्कूल में उपलब्ध कराएं

शिक्षा मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से अनुरोध किया है कि वे 'समग्र शिक्षा' के तहत प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालयों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित 'एग्ज़ाम वॉरियर्स' किताब उपलब्ध कराएं ताकि अधिकतम संख्या में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को प्रधानमंत्री के ज्ञान और दृष्टि से शिक्षा मिल सके.

क्या उर्दू के प्रचार-प्रसार को ठप करने की सियासी साज़िश चल रही है?

शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद को उर्दू भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार के लिए आवंटित बजट संस्थान की कोई जनरल बॉडी गठित न होने के चलते इस्तेमाल नहीं किया जा सका है. ऐसे में जानकार और भाषाविद सरकार की मंशा को लेकर संदेह जता रहे हैं.

भारत के 66 फीसदी स्कूलों में इंटरनेट सुविधा नहीं: रिपोर्ट

यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई+) की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, मेघालय, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा में 80 से 85 प्रतिशत स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है.

नीट विवाद: छात्राओं को अंत:वस्त्र उतारने पर विवश करने के आरोप में अब तक सात लोग गिरफ़्तार

बीते 17 जुलाई को केरल के कोल्लम ज़िले में एक निजी शिक्षण संस्थान में आयोजित नीट परीक्षा के दौरान कथित तौर युवतियों और लड़कियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति के लिए अंत:वस्त्र हटाने को कहा गया था. इस संबंध में दर्ज की गई एफ़आईआर के बाद यह कार्रवाई की गई है.

विश्वविद्यालयों में घटता आलोचनात्मक चिंतन का दायरा

विश्वविद्यालय परिसर को ऐसा होना ही चाहिए जहां भय न हो, आत्मविश्वास हो, ज्ञान की मुक्ति हो और जहां विवेक की धारा कभी सूखने न पाए. तमाम सीमाओं के बावजूद भारतीय विश्वविद्यालय कुछ हद तक ऐसा माहौल बनाने में सफल हुए थे. पर पिछले पांच-सात वर्षों से कभी सुधार, तो कभी ‘देशभक्ति’ के नाम पर ‘विश्वविद्यालय के विचार’ का हनन लगातार जारी है.

विश्वविद्यालयों में बढ़ता सरकारी हस्तक्षेप किसी बेहतरी का संकेत नहीं है

विश्वविद्यालय में यह तर्क नहीं चल सकता कि चूंकि पैसा सरकार (जो असल में जनता का होता है) देती है, इसलिए विश्वविद्यालयों को सरकार की तरफ़दारी करनी ही होगी. बेहतर समाज के निर्माण के लिए ज़रूरी है कि विश्वविद्यालय की रोज़मर्रा के कामकाज में कम से कम सरकारी दख़ल हो.

शीर्ष सात आईआईटी संस्थानों में से पढ़ाई छोड़ने वाले 63 फ़ीसदी छात्र आरक्षित श्रेणी से हैं

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में देश के शीर्ष सात आईआईटी से ग्रेजुएशन के दौरान ही पढ़ाई छोड़ने वाले आरक्षित श्रेणी के लगभग 63 फ़ीसदी छात्रों में लगभग 40 फ़ीसदी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं. वहीं, कुछ संस्थानों में ऐसे छात्रों का प्रतिशत 72 तक है.

केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 8.72 लाख पद ख़ाली: सरकार

कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि एक मार्च 2020 तक केंद्र सरकार के सभी विभागों में स्वीकृत पदों की संख्या 40,04,941 थी, जिनमें से 31,32,698 कर्मचारी कार्यरत थे. एक अन्य सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और उसके अधीनस्थ कार्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक/तकनीकी/प्रबंधन संस्थानों में रिक्त पदों की संख्या 13,701 थी.