गुजरात में हाल ही में बच्चों को ईद के समारोह में भाग लेने के लिए कहने के बाद कई स्कूलों को माफ़ी मांगनी पड़ी है. कच्छ ज़िले के एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि यह क्षेत्र में सांप्रदायिक अराजकता पैदा करने का प्रयास है.
पहला मामला उत्तर गुजरात के मेहसाणा ज़िले के एक प्री-स्कूल का है. विरोध प्रदर्शन के बाद स्कूल की निदेशक ने लिखित में माफ़ी मांगी है. वहीं कच्छ ज़िले के भुज स्थित एक स्कूल में बकरीद पर नाटक का मंचन किया गया था, जिसका भगवा संगठनों, अभिभावकों और नेताओं ने विरोध किया था. यहां के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है.
घटना कच्छ ज़िले के मुंद्रा के एक निजी स्कूल की है, जहां ईद के मौक़े पर भाईचारे का संदेश देने के लिए विद्यार्थियों द्वारा एक नाटक किया गया था. इसमें कुछ छात्रों ने टोपी पहनी हुई थी, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद अभिभावकों और दक्षिणपंथी संगठनों ने इसका विरोध करते हुए स्कूल में हंगामा किया था.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार ज़िले की मंगलौर नगरपालिका के एक बूचड़खाने में 10 जुलाई को ईद-उल-अजहा के लिए जानवरों के वध की अनुमति दे दी. बीते साल कुंभ मेले से पहले राज्य की भाजपा सरकार ने ज़िले के शहरी स्थानीय निकायों को ‘बूचड़खाना मुक्त क्षेत्र’ घोषित कर इन्हें संचालित करने के लिए जारी की गई मंज़ूरी को रद्द कर दिया था.