आचार संहिता के दौरान मोदी के पत्र वाले ‘विकसित भारत’ मैसेज भेजना बंद करे सरकार: चुनाव आयोग

यह मामला 'विकसित भारत संपर्क' एकाउंट से वॉट्सऐप पर लाखों भारतीयों को प्रधानमंत्री मोदी के पत्र वाले बल्क संदेश भेजे जाने का है. विकसित भारत संपर्क एकाउंट में पंजीकृत कार्यालय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय दर्ज है, जिसे निर्वाचन आयोग ने फौरन यह मैसेज रोकने को कहा है.

तमिलनाडु: कोयंबटूर में पीएम मोदी के रोड शो में स्कूली बच्चों की मौजूदगी की जांच के आदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोयंबटूर में मेट्टुपालयम रोड पर चार किलोमीटर लंबा रोड शो किया था, जिसमें 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे रोड शो के दौरान विभिन्न स्थानों पर पार्टी के प्रतीक चिह्न वाली भगवा पट्टियां पहने हुए भाजपा के मंचों पर परफॉर्म करते देखे गए थे.

चुनावी बॉन्ड: मोदी सरकार ने नियमों से छेड़छाड़ कर भाजपा को एक्सपायर बॉन्ड भुनाने की अनुमति दी

भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 मई 2018 को कुछ चुनावी बॉन्ड धारक 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ नई दिल्ली में बैंक की मुख्य शाखा पहुंचे थे. आधे बॉन्ड 3 मई 2018 और बाकी आधे 5 मई 2018 को खरीदे गए थे. दोनों ही तारीखों पर खरीदे गए बॉन्ड की उन्हें भुनाने की 15 दिन की अवधि समाप्त होने के बावजूद भुनाया गया.

एसबीआई चुनिंदा जानकारी नहीं दे सकता, चुनावी बॉन्ड से जुड़े यूनिक कोड जारी करें: सुप्रीम कोर्ट

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसबीआई को अपने पास उपलब्ध सभी विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है. हम स्पष्ट करते हैं कि इसमें खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की अल्फान्यूमेरिक संख्या और सीरियल नंबर, यदि कोई हो, शामिल होंगे.

चुनावी बॉन्ड: शीर्ष खरीदारों ने चार सालों तक अपने मुनाफ़े से छह गुना अधिक चंदा दिया

राजनीतिक दलों को सर्वाधिक चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 12 अप्रैल, 2019 से 24 जनवरी, 2024 के बीच अपने लाभ के छह गुना से अधिक चंदा दिया है. पार्टियों को चंदा देने में दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल का नाम भी शामिल है, जिसने घाटे के बावजूद चुनावी बॉन्ड खरीदे.

चुनावी बॉन्ड: रिलायंस द्वारा नेटवर्क18 के अधिग्रहण से जुड़े व्यक्ति का नाम शीर्ष सौ चंदादाताओं में

एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2023 में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से एक बार में ही 25 करोड़ रुपये का चंदा देने वाले लक्ष्मीदास वल्लभदास मर्चेंट की लिंक्डइन प्रोफाइल बताती है कि वह रिलायंस समूह में ग्रुप कंट्रोलर हैं.

चुनावी बॉन्ड: छापों या जांच का सामना कर रही ज़्यादातर कंपनियां बॉन्ड की बड़ी खरीदार

भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए चुनावी बॉन्ड के डेटा के अनुसार, सबसे बड़े चंदादाताओं में शुमार फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज, मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, वेदांता और चेन्नई ग्रीनवुड्स ऐसी कंपनियां हैं जिनका कामकाज सवालों के घेरे में रहा है और वे जांच एजेंसियों के निशाने पर रही हैं.

कौन हैं नए चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार?

सेवानिवृत्त आईएएस ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू बैचमेट रहे हैं. जहां कुमार ने गृह मंत्रालय की कई परियोजनाओं और राम मंदिर ट्रस्ट में भी अहम भूमिका निभाई है, वहीं सुखबीर सिंह संधू भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष थे.

30 फार्मा और स्वास्थ्य सेवा कंपनियों ने मिलकर 900 करोड़ रुपये से ज़्यादा के चुनावी बॉन्ड खरीदे

निर्वाचन आयोग द्वारा प्रकाशित जानकारी की अवधि में कुल 12,155 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स खरीदे गए थे. इस राशि का लगभग 7.4% फार्मा और हेल्थकेयर कंपनियों ने खरीदा था. इसमें से यशोदा सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल ने अप्रैल 2022 में सर्वाधिक छह चरणों में 80 बॉन्ड खरीदे, जिसकी क़ीमत 80 करोड़ रुपये है.

एसबीआई के आंकड़ों में विसंगति, खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की तुलना में भुनाए गए बॉन्ड की रकम ज़्यादा

निर्वाचन आयोग द्वारा गुरुवार को जारी चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों के अनुसार, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए बॉन्ड की कुल राशि  12,769 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि खरीदे गए बॉन्ड्स कुल 12,155 करोड़ रुपये के थे.

चुनावी बॉन्ड: खरीदे, भुनाए गए बॉन्ड्स के विशिष्ट नंबर न बताने पर कोर्ट ने एसबीआई को नोटिस भेजा

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड के दो सेट उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और उन्हें भुनाने वाले राजनीतिक दलों की सूचियां हैं, लेकिन किसी भी सूची में बॉन्ड नंबर उपलब्ध न कराए जाने से यह सत्यापित करना संभव नहीं है कि कौन-सी कंपनी या व्यक्ति किस राजनीतिक दल को चंदा दे रहे थे.

चुनावी बॉन्ड: लॉटरी, इंफ्रा, खनन कंपनियां शीर्ष चंदादाता; किसने किसे चंदा दिया, यह जानकारी नहीं

चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित डेटा 2019 और 2024 के बीच राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले कॉरपोरेशन, निजी व्यावसायिक घरानों और व्यक्तियों की सूची तो प्रचंदा करता है, लेकिन यह इस बारे में कोई जानकारी नहीं देता है कि किस राजनीतिक दल ने किस कंपनी द्वारा प्राप्त बॉन्ड को भुनाया.

मोदी के नेतृत्व वाली समिति ने पूर्व आईएएस ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह को चुनाव आयुक्त बनाया

चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के अचानक इस्तीफ़े के बाद चुनाव आयोग में आयुक्तों के कुल दो पद रिक्त थे. चयन समिति में विपक्ष के एकमात्र सदस्य कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने नियुक्तियों पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा है कि शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के नाम उन्हें पहले से उपलब्ध नहीं कराए गए थे.

चुनावी बॉन्ड: कोर्ट ने एसबीआई की समय विस्तार की याचिका ख़ारिज की, मंगलवार तक विवरण देने कहा

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द कर दिया था और भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक चुनाव आयोग को जमा करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन बाद में एसबीआई ने 30 जून तक के समय विस्तार की मांग करते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत कर दिया.