उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनावों के दौरान भाजपा को उस मुद्दे पर चुनौती मिल रही है, जहां वह ख़ुद को अजेय समझती थी- हिंदू एकता.
वीडियो: 22 सितंबर को देश के तीन राज्यों में तीन आरोपियों का कथित एनकाउंटर किया गया. उत्तर से दक्षिण तक पुलिस एनकाउंटर को मिली स्वीकार्यता पर द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजॉय आशीर्वाद और पत्रकार सौरव दास के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
किश्तवाड़ और कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले की सीमा पर शुक्रवार का हमला चेनाब घाटी के निकटवर्ती डोडा ज़िले में भाजपा की एक रैली से एक दिन पहले हुआ है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे.
जम्मू के उधमपुर जिले में 19 अगस्त को सुरक्षा बलों के गश्ती दल पर संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में सीआरपीएफ के एक अधिकारी की मौत हुई है.
घटना जम्मू संभाग के डोडा ज़िले की है. बीते 12 जून से अब तक ज़िले के ऊंचाई वाले इलाकों में विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी हमलों की आधा दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक कैप्टन सहित चार सैनिक शहीद हो गए हैं.
तीन साल पहले मई 2021 में चित्रकूट जेल में एक कथित गोलीबारी की घटना में तीन क़ैदियों की मौत हो गई थी, जिनमें एक कैराना में हिंदुओं के पलायन का आरोपी और दूसरा गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी का सहयोगी था. दोनों को जिस तीसरे क़ैदी ने गोली मारी थी, उसे पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था. मृतकों के परिजनों ने घटना के पीछे साज़िश की आशंका जताई थी.
बीते फरवरी में असम पुलिस ने मुठभेड़ में एक व्यक्ति को मारते हुए उसके सरेंडर बोडो उग्रवादी केनाराम होने का दावा किया था. हालांकि, एक परिवार ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था कि एनकाउंटर में केनाराम की जगह उनके परिजन दिंबेश्वर की मौत हुई है. डीएनए रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस ने स्वीकार किया कि मृतक केनाराम नहीं था.
जम्मू कश्मीर के राजौरी ज़िले में गुरुवार तड़के एक संदिग्ध आत्मघाती समूह ने सेना के एक शिविर में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए और तीन जवान शहीद हो गए.
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते 27 मई को अधिकारियों से मोहम्मद लतीफ़ माग्रे की मौजूदगी में हैदरपोरा एनकाउंटर में मृत उनके बेटे आमिर के अवशेषों को निकालने का आदेश दिया था. हालांकि छह जून को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस पर रोक लगा दी थी. आमिर उन चार लोगों में से एक थे, जो नवंबर 2021 को श्रीनगर के हैदरपोरा में एनकाउंटर में मारे गए थे. इनमें से दो लोगों के शव विरोध के बाद उनके परिजनों
आमिर लतीफ़ माग्रे उन चार लोगों में से एक थे, जो 15 नवंबर 2021 को श्रीनगर के बाहरी इलाके हैदरपोरा में एनकाउंटर में मारे गए थे. एनकाउंटर की प्रमाणिकता को लेकर जनाक्रोश और विरोध के कुछ दिन बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो मृतकों- अल्ताफ़ अहमद भट और डॉ. मुदासिर गुल के शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया था. हाईकोर्ट ने आमिर का शव उनके परिजनों के सुपुर्द न करने के जम्मू कश्मीर पुलिस के फैसले को संविधान के
बीते पांच सालों में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने औरतों, अल्पसंख्यकों और असहमति ज़ाहिर करने वालों पर हुए ज़ुल्म की अनदेखी की है, या इसमें स्वयं उसकी भूमिका रही. ऐसे हालात में भी विडंबना यह है कि भाजपा प्रदेश में क़ानून व्यवस्था के अपने रिकॉर्ड को उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने 30 जनवरी को पुलवामा में हुई एक मुठभेड़ को लेकर एक प्रमुख टीवी कमेंटेटर माजिद हैदरी, ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़क्लिक के वीडियो पत्रकार कामरान यूसुफ़ और फ्री प्रेस कश्मीर के पत्रकार विकार सैयद को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था.
15 नवंबर 2021 को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में हुए 'एनकाउंटर' में हुई चार लोगों की मौत के बाद इस पर कई सवाल उठे थे. सेना के श्रीनगर स्थित 15 कॉर्प्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में दावा किया गया था कि इस संयुक्त ऑपरेशन को जम्मू कश्मीर पुलिस के ख़ुफ़िया इनपुट के आधार पर अंजाम दिया गया था.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता आशीष सागर दीक्षित को पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर बना दिया है. उनका आरोप है कि अब उन्हें गिरफ़्तार करने की साज़िश रची जा रही है.
समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के पत्रकार सज्जाद अहमद डार को इस हफ्ते की शुरुआत में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के परिवार का वीडियो कथित तौर पर अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में ब्रिटेन में रह रहे कश्मीरी व्यक्ति के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.