पोलावरम परियोजना में पर्यावरण मंज़ूरी के उल्लंघन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस भेजा

अर्थशास्त्री पी. पुल्लाराव ने इन आरोपों के साथ एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था कि पोलावरम बांध परियोजना में पर्यावरण मंज़ूरी देने में नियमों का उल्लंघन हुआ है, लेकिन एनजीटी ने इस संबंध में विभिन्न संस्थानों की रिपोर्ट पर विचार किए बिना ही मामले को बंद कर दिया था.

केंद्र सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट को बताया- ईशा फाउंडेशन को पर्यावरण मंज़ूरी से छूट प्राप्त है

इस साल जनवरी में तमिलनाडु सरकार ने जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के ख़िलाफ़ यह आरोप लगाते हुए मुक़दमा दायर किया था कि इसने केंद्र सरकार की 2006 की पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना के तहत आवश्यक मंज़ूरी लिए बिना कोयंबटूर में अपने परिसर का निर्माण किया है.

चारधाम परियोजना: पूर्व न्यायाधीश सीकरी को उच्चाधिकार प्राप्त समिति का अध्यक्ष बनाया गया

अदालत ने चारधाम परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ पर्यावरणविद रवि चोपड़ा के इस्तीफ़ा को मंजूर करते हुए पूर्व न्यायाधीश एके सीकरी को अध्यक्ष नियुक्त किया है, जो पूरी हिमालयी घाटी पर चारधाम परियोजना के प्रभाव के बारे में विचार करेगी.

चारधाम परियोजना: सुप्रीम कोर्ट की समिति के अध्यक्ष का इस्तीफ़ा, कहा- पद पर रहने का कोई अर्थ नहीं

चारधाम परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि समिति के निर्देश और सिफ़ारिशों को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने या तो अनदेखा किया या उस पर देर से प्रतिक्रिया दी.

चारधाम राजमार्ग परियोजना: सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों को दो लेन चौड़ी करने की केंद्र को मंज़ूरी दी

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पहाड़ी राजमार्गों की चौड़ाई को लेकर दिए गए सितंबर 2020 के अपने आदेश में संशोधन करते हुए चारधाम राजमार्ग परियोजना को मंज़ूरी दी. सड़क निर्माण से होने वाली पर्यावरणीय दिक्कतों से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि अदालत परियोजना की न्यायिक समीक्षा में सशस्त्र बलों की बुनियादी ज़रूरत का अनुमान नहीं लगा सकती.

छत्तीसगढ़: विरोध के बीच केंद्र ने परसा कोयला खदान में दूसरे चरण के खनन को मंज़ूरी दी

हसदेव अरण्य जंगल के लिए आंदोलन चला रहे समूहों में से एक छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की ओर से कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें अडानी समूह की मदद करने की कोशिश कर रही हैं, जो परसा ब्लॉक के लिए माइन डेवलेपर और ऑपरेटर हैं.आदिवासियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है. हमारी मांग है कि इस मंज़ूरी को रद्द किया जाए.