एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि नौ और मामलों की जांच के साथ सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे मामलों की कुल संख्या 17 हो जाएगी. महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध या यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी अन्य मामले को भी प्राथमिकता के आधार पर एजेंसी को भेजा जा सकता है.
वीडियो: 31 जुलाई की रात इंफाल पश्चिम के ज़ोमी विला में आग लगने से 17 घर तबाह हो गए. पुलिस का दावा है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी, लेकिन रहवासी इस बात से सहमत नहीं है. आग कुकी समुदाय के लोगों के घरों से शुरू हुई थी, जो बाद में उन घरों तक फैल गई जहां बिहार से आने वाले प्रवासी रहते हैं.
मणिपुर में तीन महीने से जारी हिंसा के बीच मणिपुर सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सदस्य कुकी पीपुल्स अलायंस ने घोषणा की है कि वह एन. बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले रही है. मणिपुर सरकार में पार्टी के दो विधायक शामिल हैं.
बिष्णुपुर ज़िले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाके में गुरुवार को हुई झड़प के बाद सेना और आरएएफ जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 19 लोग घायल हो गए. वहीं, ज़िले के नारानसैना में भीड़ ने भारतीय रिज़र्व बटालियन शिविर पर हमला करने के बाद बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लूट लिया.
राज्यसभा में टीएमसी सांसद डोला सेन द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि मणिपुर में तीन महीने से चल रहे जातीय संघर्ष के चलते कुल 14,763 स्कूल जाने वाले बच्चे विस्थापित हो गए हैं. उन्होंने दावा किया कि ऐसे 93% विद्यार्थियों को उनके पास के स्कूल में मुफ्त में प्रवेश दिया गया है.
मणिपुर में पिछले तीन महीने से जारी जातीय हिंसा के दौरान 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाने के साथ इनमें से एक से सामूहिक बलात्कार किया गया था. इनमें से एक महिला के 65 वर्षीय पति, जो करगिल युद्ध का हिस्सा थे, ने कहा कि कार्रवाई वीडियो से बहुत पहले की जानी चाहिए थी, लेकिन हमारी बात पर किसी ने भी विश्वास नहीं किया.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में जातीय हिंसा से निपटने के लिए क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों और सरकार के तौर-तरीकों पर कड़ा रुख़ अपनाते हुए पुलिस जांच को ‘सुस्त’ बताया. कोर्ट ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक को 4 अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कुकी जनजाति की दो महिलाओं की याचिका भी शामिल थी, जिन्हें पुरुषों की भीड़ ने नग्न करके घुमाया था. पीठ ने सरकार से पूछा कि घटना 4 मई की थी और ज़ीरो एफ़आईआर 18 मई को दर्ज हुई. पुलिस को इसे दर्ज करने में 14 दिन क्यों लगे?
एक कार्यक्रम के दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख सेवानिवृत्त जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि इसमें विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि यह निश्चित रूप से है. विभिन्न उग्रवादी समूहों को कथित तौर पर चीन की ओर सहायता कई वर्षों से जारी है.
वीडियो: मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा के दौरान तमाम ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें अपने परिवार के सदस्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ऐसे लोगों से द वायर की टीम ने बातचीत की.
राहुल गांधी ने कहा कि जब देश को चोट लगती है, किसी नागरिक को चोट लगती है तो आपके दिल को भी चोट लगती है, मगर भाजपा-आरएसएस के लोगों को कोई दुख नहीं, क्योंकि ये हिंदुस्तान को बांटने का काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर से कुछ लेना-देना नहीं है. वो जानते हैं कि उनकी ही विचारधारा ने मणिपुर को जलाया है.
ब्रिटेन की राजधानी लंदन में हुए इस मौन प्रदर्शन में वुमेन फ्रॉम नॉर्थ ईस्ट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्य और अन्य व्यक्ति शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर में बीते 3 महीने से जारी जातीय हिंसा के दौरान महिलाओं के ख़िलाफ़ जघन्य यौन अपराधों में शामिल लोगों के लिए कड़ी सज़ा की मांग की.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेगी कि मुक़दमे की सुनवाई को राज्य से बाहर असम में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाए. बीते 4 मई को आदिवासी कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाने के साथ उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. इसका वीडियो बीते 19 जुलाई को सामने आया था.
मणिपुर के काकचिंग ज़िले के सेरोउ अवांग लीकाई गांव में मई महीने के अंत में एक स्वतंत्रता सेनानी की अस्सी वर्षीय पत्नी को उनके घर में सशस्त्र भीड़ द्वारा ज़िंदा जला दिया गया. परिजनों का कहना है कि एफआईआर दर्ज होने के दो महीने बीतने के बाद भी पुलिस ने जांच शुरू नहीं की है.
मणिपुर में जातीय हिंसा से प्रभावित कुकी जनजाति के साथ एकजुटता दिखाने के लिए राजधानी आइज़ोल में आयोजित एक रैली में मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा ने भाग लिया था. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इसमें भाग लेने वालों द्वारा उनके ख़िलाफ़ अपमानजनक नारे लगाने के तरीके को असभ्य क़रार दिया.