नोटबंदी के फैसले को सही ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की समीक्षा के लिए याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट ने बीते दो जनवरी को 4:1 के बहुमत के फैसले में नोटबंदी के फैसले पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा था कि 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की निर्णय प्रक्रिया न तो त्रुटिपूर्ण थी और न ही जल्दबाजी में लिया गया फैसला.

नोटबंदी निर्णय: असहमत जज ने कहा- आरबीआई ने स्वतंत्र होकर विचार नहीं किया

नोटबंदी पर अपने अल्पमत के फैसले में जस्टिस बीवी नागरत्ना ने मोदी सरकार के इस क़दम पर कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अधिसूचना की बजाय इसके लिए संसद में चर्चा होनी चाहिए थी. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसे लेकर आरबीआई ने स्वतंत्र रूप से सोच-विचार नहीं किया और पूरी कवायद 24 घंटे में कर दी गई.

नोटबंदी के बाद भी नकली नोटों की चुनौती बरक़रार, पांच साल में 245 करोड़ रुपये के जाली नोट बरामद

केंद्र सरकार ने 2016 में 1,000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इस फैसले का एक प्रमुख उद्देश्य जाली नोटों की समस्या को ख़त्म करना था. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2016 से 2021 के बीच 245.33 करोड़ के मूल्य के जाली नोट जब्त किए हैं. सबसे अधिक 92.17 करोड़ रुपये के जाली नोट 2020 में जब्त किए गए थे.

नोटबंदी: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, आरबीआई को फैसले से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया

मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय के ख़िलाफ़ कई याचिकाएं सुन रहे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत सरकार के फैसले के गुण-दोष पर नहीं जाएगी, लेकिन वह हमेशा निर्णय लेने के तरीके पर गौर कर सकती है. सिर्फ इसलिए कि यह एक आर्थिक नीति है, इसका मतलब यह नहीं होगा कि अदालत चुपचाप बैठ जाएगी.

नोटबंदी में लोगों को हुई कठिनाई को इस निर्णय की ग़लती नहीं माना जा सकता: केंद्र

सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इस दौरान हुई बहस में कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अगर आरबीआई ने नोटबंदी पर आपत्ति दर्ज की होती तो क्या सरकार ने उसे दरकिनार कर दिया होता.

पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- नोटबंदी का 2016 का निर्णय बेहद त्रुटिपूर्ण था

मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने पांच सौ रुपये और हजार रुपये के नोट बंद करने फैसले को ‘गंभीर रूप से त्रुटिपूर्ण’ बताते हुए उच्चतम न्यायालय से कहा कि केंद्र सरकार वैध नोट से संबंधित कोई भी प्रस्ताव खुद से नहीं कर सकती है.

2016 के बाद से दो हज़ार रुपये के नकली नोटों की संख्या में 107 गुना वृद्धि: केंद्र सरकार

लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने बताया है कि वर्ष 2016 में 2,000 रुपये के 2,272 नकली नोट ज़ब्त किए गए थे, जिनकी संख्या 2020 में बढ़कर 2,44,834 हो गई.

वित्त वर्ष 2021-22 में 500 रुपये के जाली नोटों की संख्या 102 फीसदी बढ़ी: आरबीआई

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में बैंकिंग प्रणाली में मिले 500 रुपये के जाली नोटों की संख्या में दोगुने से भी अधिक की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, दो हज़ार रुपये के जाली नोटों की संख्या में 54.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

पिछले दो सालों में दो हज़ार रुपये के नोट नहीं छापे गए: सरकार

साल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन और नकली नोटों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से नोटबंदी की ऐतिहासिक घोषणा की थी. तब 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया गया था. इसके बाद सरकार ने 500 तथा 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए थे.

नोटबंदी: न ख़ुदा ही मिला न विसाल ए सनम

सरकार का कहना था कि बंद किए गए नोटों में से लगभग 3 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं आएंगे और यह काले धन पर कड़ा प्रहार होगा, लेकिन रिज़र्व बैंक मुताबिक अब नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का प्रतिशत 99 के पार पहुंच गया है. यानी या तो इन नोटों में कोई काला धन था ही नहीं या उसके होने के बावजूद सरकार उसे निकालने में विफल रही.

नोटबंदी के बाद बैंकों को मिले सबसे ज़्यादा जाली नोट, संदिग्ध लेन-देन के मामले भी बढ़े: रिपोर्ट

फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट की रिपोर्ट के अनुसार, जाली मुद्रा रिपोर्ट (सीसीआर) की संख्या 2015-16 के 4.10 लाख से बढ़कर 2016-17 में 7.33 लाख पर पहुंच गई. संदिग्ध लेन-देन में भी 480 प्रतिशत से भी अधिक का इज़ाफ़ा.