पटना हाईकोर्ट ने यह आदेश उस याचिका पर दिया है, जिसमें कहा गया है कि बिहार में खुलेआम फ़र्ज़ी तरीके से मदरसों का संचालन किया जा रहा है और सरकारी अनुदान भी लिया जा रहा है. अदालत ने सरकार से कथित जाली दस्तावेज़ों के आधार पर 609 मदरसों को अनुदान जारी करने की चल रही जांच को चार सप्ताह के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है.
यह मामला बैंक द्वारा दिए गए एक फ़र्ज़ी ऋण से संबंधित है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 2011 और 2013 के बीच नियमों का उल्लंघन कर जाली दस्तावेज़ों के आधार पर आरईआई एग्रो समूह को 800 करोड़ रुपये का क़र्ज़ दिया गया. सीबीआई ने इस कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया है.