बीते 23 अक्टूबर को ठग अनूप कुमार चौधरी को अयोध्या से गिरफ़्तार किया गया था. वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में दर्ज 10 मामलों में धोखाधड़ी, जालसाज़ी और आपराधिक साज़िश से संबंधित आरोपों का सामना कर रहा है. चौधरी ख़ुद के रेल मंत्रालय, भारतीय खाद्य निगम, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का सदस्य होने का दावा कर अपने लिए सुरक्षा मांगता था.
गुजरात के सूरत में दो लोगों को एक वेबसाइट का उपयोग करके आधार और पैन कार्ड के साथ-साथ मतदाता पहचान-पत्र जैसे जाली दस्तावेज़ों को बनाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने कहा कि आरोपी सरकारी डेटाबेस को एक्सेस कर रहे थे, जो एक गंभीर मुद्दा है. आरोपी इसे 15 से 200 रुपये में बेच रहे थे.
पटना हाईकोर्ट ने यह आदेश उस याचिका पर दिया है, जिसमें कहा गया है कि बिहार में खुलेआम फ़र्ज़ी तरीके से मदरसों का संचालन किया जा रहा है और सरकारी अनुदान भी लिया जा रहा है. अदालत ने सरकार से कथित जाली दस्तावेज़ों के आधार पर 609 मदरसों को अनुदान जारी करने की चल रही जांच को चार सप्ताह के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है.
यह मामला बैंक द्वारा दिए गए एक फ़र्ज़ी ऋण से संबंधित है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 2011 और 2013 के बीच नियमों का उल्लंघन कर जाली दस्तावेज़ों के आधार पर आरईआई एग्रो समूह को 800 करोड़ रुपये का क़र्ज़ दिया गया. सीबीआई ने इस कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया है.