सीबीआई जज बृजगोपाल हरकिशन लोया की मौत और न्यायपालिका पर उनके परिवार द्वारा उठाए गए सवालों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार अरुण शौरी का नज़रिया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार अरुण शौरी से द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.
‘जज लोया के मामले में आरोप न्यायपालिका के लिए बहुत ही ख़तरनाक हैं. क़ानून और व्यवस्था के रखवाले ही अगर ये करते हैं तो हम कहां जाएंगे?’
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस का मानना है कि जज बृजगोपाल लोया की संदिग्ध मौत के बारे जांच ज़रूरी है क्योंकि ऐसे मामले में लगे आरोप न्यायपालिका की साख कलंकित कर सकते हैं.
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सुनवाई कर रहे सीबीआई जज बृजगोपाल लोया की मौत पर द कारवां पत्रिका के राजनीतिक संपादक हरतोष सिंह बल से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
सीबीआई कोर्ट में मामले को सुन रहे जज बृजगोपाल लोया के परिजनों का कहना है कि लोया को जल्दी और मनमुताबिक फैसला देने के एवज में पैसे और ज़मीन की पेशकश की गई थी.
2014 में मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज बृजगोपाल लोया की मृत्यु के बाद आए जज ने अमित शाह को बिना मुक़दमे के बरी कर दिया.
झारखंड के गिरिडीह ज़िले में पुलिस द्वारा नक्सली बताकर मारे गए मोतीलाल बास्के की पत्नी पार्वती मुर्मू इंसाफ़ के लिए संघर्ष कर रही हैं.
सोहराबुद्दीन शेख़ और तुलसी प्रजापति कथित फर्ज़ी मुठभेड़ मामलों में विशेष सीबीआई अदालत ने सुनाया फैसला.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के प्रमुख समाचार.
बस्तर में चलने वाले नक्सल राज की खूनी कहानी हर गांव में आपको सुनने को मिलेगी. बंदूक और हिंसा की राजनीति का नतीजा यह हुआ है कि शांतिपूर्ण जीवन के आदी आदिवासियों का जीवन बिखर चुका है.
सुकमा जिले के चिंतागुफा गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि गश्ती पर आये जवानों ने एक घर में घुसकर 14 साल की लड़की को अगवा कर रेप किया.
क्या बस्तर में भी भारतीय संविधान लागू है? क्या माओवाद से लड़ाई के नाम पर ग्रामीणों के फ़र्ज़ी एनकाउंटर, महिलाओं के बलात्कार, सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हमले और जेल आदि सब जायज़ हैं, जबकि माओवाद तो ख़त्म होने की जगह बढ़ रहा है?
राज्य के बीजापुर जिले के गमपुर गांव में हुए एक मुठभेड़ को फर्ज़ी ठहरा रहे ग्रामीणों को बेरहमी से पीटने का आरोप सुरक्षा बलों पर लगा है.