वीडियो: फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया है. इस वीडियो में राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव एमएसपी को लेकर फैलाए गए 10 बड़े झूठ और उनका सच बता रहे हैं.
औसतन किसानों को बाजार में अपनी फसल बेचने पर एमएसपी से तकरीबन 40% कम पैसा मिलता है. ऐसे में अगर कोई कह रहा है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएससी) की लीगल गारंटी नहीं मिलनी चाहिए तो वह मेहनत के साथ नाइंसाफ़ी कर रहा है. वह ऐसी दुनिया का पक्षधर नहीं, जहां पर सबको अपनी मेहनत का वाजिब हक़ मिले.
पंजाब के गुरदासपुर ज़िले के रहने वाले मृतक ज्ञान सिंह दो दिन पहले किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च में भाग लेने के लिए शंभू सीमा पर आए थे. इस मार्च का उद्देश्य फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की क़ानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालना है.
वीडियो: एक तरफ मोदी सरकार दिल्ली की सीमाओं को किसी देश का बॉर्डर बनाकर किसानों को रोकने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ उसके समर्थक कह रहे हैं कि अगर किसानों को एमएसपी की लीगल गारंटी दी गई तो देश की अर्थव्यवस्था का दिवाला निकल जाएगा. इसे झूठे दावे के बारे में विस्तार से बता रहे हैं द वायर के अजय कुमार.
किसानों के वर्तमान प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने पटियाला, एसएएस नगर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब, मनसा, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब में 20 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट निलंबित कर दिया है. किसानों का समर्थन करने वाले सोशल साइट एक्स और फेसबुक पर एक दर्जन से अधिक एकाउंट सरकार के अनुरोध पर बंद कर दिए गए हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर क़ानूनी गारंटी और ऋण माफ़ी सहित अन्य मांगों की अपील के साथ सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच अंबाला के पास शंभू सीमा पर एकत्र हुए हैं. साल 2020 के आंदोलन को दोहराते हुए उन्होंने बीते 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’ का आह्वान किया है.
वीडियो: ‘कृषि की बात’ के इस एपिसोड में किसान आंदोलन के फिर से शुरू होने पर किसान नेता राकेश टिकैत से द वायर के इंद्र शेखर सिंह की बातचीत.
वीडियो: किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च के बीच आ रहीं ख़बरों और वीडियो से पता चलता है कि शंभू सीमा पर 100 से अधिक किसान घायल हो गए हैं, जिनमें से कई पैलेट गन की गोलियों से घायल हुए हैं. पत्रकारों, समाचार वेबसाइट समेत विरोध प्रदर्शन के संबंध में जानकारी प्रसारित करने वाले सोशल मीडिया एकाउंट को निलंबित कर दिया गया है.
केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक विफल होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (ग़ैर-राजनीतिक) और किसान मज़दूर संघर्ष समिति फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने और कृषि ऋण माफ़ी समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दूसरे चरण का नेतृत्व कर रहे हैं.
वीडियो: विभिन्न किसान संगठनों के 'दिल्ली चलो' आह्वान के पहले दिल्ली पुलिस द्वारा राजधानी क्षेत्र की सीमाओं पर नाकेबंदी और पूरे दिल्ली में धारा 144 लगाने के बारे में बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, भाकियू नेताओं सहित किसान नेता किसानों को उकसा रहे हैं व झूठी ख़बरें फैला रहे हैं, जिससे इलाके में शांति भंग हो सकती है. नेताओं ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे बैठकों के माध्यम से लोगों को नए कृषि क़ानून समझा रहे हैं. उन्होंने बॉन्ड भरने के नोटिस को उत्पीड़न क़रार दिया है.