यह तमिलनाडु स्थित दूसरा ईसाई संगठन है, जिसका एफसीआरए लाइसेंस 2024 में रद्द कर दिया गया है. इससे पहले ‘वर्ल्ड विज़न इंडिया’ का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था. यह चिंता जताई गई है कि केंद्र सरकार एफसीआरए का उपयोग उन एनजीओ की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कर रही है, जो इसकी आलोचना करते हैं.
गृह मंत्रालय ने विदेशी धन प्राप्त करने और उसका उपयोग करने वाले एनजीओ की निगरानी की प्रक्रिया कड़ी कर दी है. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में एनजीओ को 55,449 करोड़ रुपये का विदेशी योगदान मिला है. कुल मिलाकर अब तक 20,693 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.
केंद्र सरकार ने जिन तीन ग़ैर-सरकारी संगठनों के एफसीआरए लाइसेंस कैंसिल किए है, उनमें ‘सेव द चिल्ड्रेन’ की भारतीय इकाई ‘बाल रक्षा भारत’, ‘श्रीनिवास मलिआह मेमोरियल थियेटर क्राफ्ट म्यूजियम’ और सेवा (SEWA) नाम के एनजीओ शामिल हैं. ये संगठन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियों में शामिल हैं.
यंग विमेन क्रिश्चियन एसोसिएशन ऑफ दिल्ली के बाद एक पखवाड़े के भीतर अपना एफसीआरए लाइसेंस खोने वाला सद्भावना ट्रस्ट दूसरा महिला-केंद्रित एनजीओ है. दो और एनजीओ सीएनआई शिशु संगोपन गृह और प्रोग्राम फॉर सोशल एक्शन ने भी हाल ही में अपने लाइसेंस खो दिए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के कथित उल्लंघन के मामले में ऑक्सफैम इंडिया के कामकाज की सीबीआई से जांच की सिफ़ारिश की है. दावा किया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सीपीआर को धन भेजा.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पंजीकरण रद्द होने की तारीख़ से ऐसे एनजीओ तीन साल की अवधि के लिए पंजीकरण के पात्र नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सर्वाधिक 755, महाराष्ट्र में 734, उत्तर प्रदेश में 635, आंध्र प्रदेश में 622 और पश्चिम बंगाल में 611 एनजीओ का पंजीकरण रद्द किया गया है.
राजीव गांधी फाउंडेशन के अलावा राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस भी गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिया है. साल 2020 में भाजपा ने आरोप लगाया था कि फाउंडेशन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के दूतावास से धन प्राप्त हुआ था. इसके बाद गृह मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था.
गृह मंत्रालय ने अपनी विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम वेबसाइट से वो डेटा हटा दिया है, जिसमें एनजीओ के वार्षिक रिटर्न और उन एनजीओ की सूची शामिल है जिनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. मंत्रालय ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ये डेटा जनता के देखने के लिए 'गैर-ज़रूरी' माना गया था.
सीबीआई के अनुसार, गृह मंत्रालय के एफ़सीआरए डिवीज़न के कुछ अधिकारियों ने विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रमोटरों/प्रतिनिधियों, बिचौलियों के साथ साज़िश में निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करने के बावजूद दान प्राप्त करना जारी रखने के उद्देश्य से इन संगठनों को पिछले दरवाजे से एफसीआरए पंजीकरण/नवीनीकरण प्राप्त कराने की भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त थे.
31 दिसंबर 2021 को 5,932 अन्य एनजीओ के साथ ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए पंजीकरण समाप्त हो गया था, जिनमें से 5,789 ने पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था. बाकी बचे आवेदन विभिन्न अनियमितताओं की वजह से ख़ारिज कर दिए गए थे. ऑक्सफैम इंडिया इन्हीं में से एक था.
ऑक्सफैम इंडिया ने कहा है कि विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत दिए जाने वाले लाइसेंस का नवीनीकरण करने से इनकार के सरकारी फैसले से देश के 16 राज्यों में संगठन के चल रहे अहम कार्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे. इनमें ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करना, जीवन रक्षक दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर आपूर्ति करना जैसे कार्य शामिल हैं.
आईआईटी दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और ऑक्सफैम इंडिया सहित लगभग 6,000 संस्थानों के विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण की मियाद ख़त्म हो गई है. इन संस्थानों ने या तो अपने एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया या गृह मंत्रालय ने उनके आवेदनों को ख़ारिज कर दिया है.
विदेशी अंशदान विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 लोकसभा में पेश कर दिया गया है. विधेयक के लक्ष्य और कारणों में कहा गया है कि साल 2010 और 2019 के बीच विदेशी योगदान की वार्षिक आमद लगभग दोगुनी हो गई है, लेकिन इसके कई प्राप्तकर्ताओं ने इस धन को उस उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किया है जिसके लिए उन्हें पंजीकृत किया गया था.
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद स्वर्ण मंदिर को विदेशी चंदा लेने पर रोक लगा दी गई थी. सचखंड श्री हरमंदिर साहेब श्री दरबार साहेब पंजाब एसोसिएशन को विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम तहत पंजीकरण दिया गया है. संगठन को मिला एफसीआरए पंजीकरण पांच वर्ष के लिए वैध रहेगा.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को बताया कि वर्ष 2017-18 का अनिवार्य वार्षिक ब्यौरा पेश नहीं करने के लिए एफसीआरए के तहत पंजीकृत 1808 संगठनों के पंजीकरण प्रमाण पत्रों को हाल ही में निरस्त किया गया है.