छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाए जाने पर आदिवासी कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
मामला ओडिशा के कालाहांडी जिले का है. लोकशक्ति अभियान संस्था के अध्यक्ष प्रफुल सामांत्रा ने बताया कि ये आदिवासी 2017 से वहां रह रहे थे. लेकिन प्रशासन कह रहा है कि वे लॉकडाउन के बाद वहां आए थे.
ग्राउंड रिपोर्ट: सूखे की मार झेल रहे हैं झारखंड के चतरा ज़िले के किसानों पर वन विभाग की सख़्ती ने उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया है. बीते एक साल में चतरा के हज़ारों किसानों की ज़मीन और खेत को वन विभाग ने वनभूमि बताकर उन्हें वहां से बेदख़ल कर दिया है.
भाजपा ने जहां इसे बाज़ार की मांग और आपूर्ति से जुड़ा मामला बताया है. वहीं, कांग्रेस समेत विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार से जोड़ रहे हैं. वो तेंदूपत्ता व्यापार को चुनावी फंड तैयार करने का माध्यम बनाने का आरोप लगा रहे हैं.
ग्यारह साल पहले इस क़ानून के पारित होने के बाद से आदिवासी समुदाय इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाते आ रहे हैं.