‘भारतीय’ घोषित व्यक्ति को विदेशी न्यायाधिकरण दूसरी बार विदेशी घोषित नहीं कर सकता: हाईकोर्ट

गौहाटी हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हाल ही में 12 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. खंडपीठ ने कहा कि ‘रेस ज्यूडिकाटा’ का सिद्धांत यानी किसी विषय पर अंतिम निर्णय दिए जाने के बाद मामला संबंधित पक्षों द्वारा दोबारा नहीं उठाया जा सकता, असम राज्य के विदेशी न्यायाधिकरणों पर भी लागू होता है.

असमः हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फॉरेन ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित महिला को नागरिकता दी

19 सितंबर 2017 को फॉरेन ट्रिब्यूनल-6 ने असम में कछार ज़िले के सोनाई के मोहनखल गांव की 23 वर्षीय सेफाली रानी दास को सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने के बाद विदेशी घोषित कर दिया था. महिला के हाईकोर्ट का रुख़ करने के बाद उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने का एक और मौका दिया गया था.

असमः हाईकोर्ट ने पहले ‘भारतीय’ फिर ‘विदेशी’ घोषित महिला की रिहाई का आदेश दिया

दरांग ज़िले की 55 वर्षीय महिला को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने साल 2016 में भारतीय बताया था लेकिन 2021 में उन्हें इसी ट्रिब्यूनल ने 'विदेशी' घोषित कर दिया. इसके बाद से वे 19 अक्टूबर से तेजपुर जेल में बने डिटेंशन केंद्र में बंद हैं. कोर्ट ने 2021 के निर्णय को ख़ारिज करते हुए कहा कि दोनों फ़ैसलों में याचिकाकर्ता की पहचान समान है और एक ही व्यक्ति के संबंध में दूसरी राय क़ायम नहीं रखी जा सकती.

असम: सात साल से जेल में बंद 10 रोहिंग्या ने शरणार्थी का दर्जा देने या वापस भेजने का अनुरोध किया

एक दूसरे के संबंधी इन दो रोहिंग्या परिवारों के 10 व्यक्तियों को 2014 में बिना वैध दस्तावेजों के देश में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था और तब से वे असम की तेजपुर केंद्रीय जेल में बंद हैं.

असमः हाईकोर्ट ने कछार के परिवार को ‘विदेशी’ घोषित करने का फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल का आदेश रद्द किया

असम के एक विदेशी न्यायाधिकरण ने कछार ज़िले के एक परिवार के पांच सदस्यों को अप्रैल 2018 में दिए एकतरफा आदेश में विदेशी घोषित कर दिया था. गौहाटी हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को यह सिद्ध करने के लिए अवसर दिया जाना चाहिए कि वे भारतीय हैं न कि विदेशी.

असम: कथित ‘तालिबान समर्थक पोस्ट’ के लिए यूएपीए के तहत गिरफ़्तार 14 लोगों को ज़मानत

असम पुलिस द्वारा इस मामले में गिरफ़्तार किए गए सोलह लोगों में से चौदह को निचली अदालत और गुवाहाटी हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि उन्हें जेल में रखने के लिए कोई पर्याप्त आधार नही हैं.

आईआईटी गुवाहाटी ने हाईकोर्ट द्वारा ‘भावी संपत्ति’ बताए गए बलात्कार के आरोपी छात्र को निकाला

बीते अगस्त में सहपाठी के बलात्कार के आरोपी आईआईटी गुवाहाटी के छात्र को ज़मानत देते हुए गौहाटी हाईकोर्ट ने कहा था कि दोनों ही छात्र 'राज्य का भविष्य' हैं. अब संस्थान ने आरोपी को बर्ख़ास्त करते हुए कहा कि छात्र ने घोर अनुशासनहीनता की और विद्यार्थियों के लिए निश्चित आचार संहिता का उल्लंघन किया था, जिससे 'कड़ाई से निपटा जाना' था. 

असम: हाईकोर्ट ने फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के आदेश को किया ख़ारिज, कहा- नागरिकता महत्वपूर्ण अधिकार है

ये मामला असम के मोरीगांव ज़िले के मोइराबारी निवासी असोरुद्दीन से जुड़ा हुआ है, जिन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में बुलाया गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हो सके थे और ट्रिब्यूनल ने उनका पक्ष जाने बिना ही उन्हें विदेशी घोषित कर दिया था.

टीका नहीं लगवाने वाले लोगों को घर से बाहर निकलने और कमाने पर रोक लगाना अवैध: गुवाहाटी हाईकोर्ट

मिज़ोरम सरकार की उस मानक संचालन प्रक्रिया को गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी लोगों को टीका लगवाना होगा, नहीं तो उन्हें अपने घर से बाहर निकलने, घर से दूर जाकर कमाई करने, सार्वजनिक गाड़ियों की ड्राइविंग इत्यादि की अनुमति नहीं दी जाएगी. अदालत ने कहा कि ऐसा करना संविधान के तहत दिए गए समानता के अधिकार का उल्लंघन है.

असम: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ज़िला जेलों में बने डिटेंशन सेंटर को कहीं और बनाने को कहा

गौहाटी उच्च न्यायालय ने जेलों में डिटेंशन सेंटर चलाने के लिए असम सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे केंद्र बनाने के बारे में दिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों में भी कहा गया है कि इन्हें जेल परिसर के बाहर बनाया जाना चाहिए.

असम: कोरोना संक्रमण के डर के बाद डिटेंशन सेंटरों से रिहा किए गए 200 से अधिक ‘घोषित विदेशी’

कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि असम के डिटेंशन सेंटरों में ऐसे 'घोषित विदेशी' जो यहां दो साल का समय गुज़ार चुके हैं, उन्हें मौजूदा हालात के मद्देनज़र सशर्त रिहा किया जाए.

नागरिकता क़ानून पर बोले गायक ज़ुबीन, असम में कश्मीर जैसी स्थिति पैदा करना चाहती है सरकार

गायक और सामाजिक कार्यकर्ता ज़ुबिन गर्ग ने कहा कि असम का यह सामाजिक-सांस्कृतिक सौहार्द कुछ ऐसा है, जिसे भाजपा पसंद नहीं करती, इसलिए नागरिकता संशोधन क़ानून के ज़रिये वे राज्य को हिंदू-मुस्लिम और असमिया-बंगाली के बीच बांटना चाहते हैं.

आसू ने मोदी, शाह और सोनोवाल पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के प्रमुख सलाहकार समज्जुल भट्टाचार्य ने विवादित नागरिकता कानून के खिलाफ महिला रैली को संबोधित करते हुए दावा किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल असम के लोगों को विशिष्ट फार्मूले से मूल लोगों को बचाने और साथ ही बांग्लादेशियों को सीएए के जरिए बसाने की नीति से धोखा दे रहे हैं.

मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने के आदेश के ख़िलाफ़ असम सरकार की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गुरुवार शाम से मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश दिया था उसके बाद शुक्रवार सुबह से वहां इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया. वहीं, शुक्रवार शाम से मेघालय में भी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई.