विधानसभा चुनाव राउंड-अप: यूपी में आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर सपा-रालोद उम्मीदवार समेत 60 पर मामला दर्ज हुआ. उत्तराखंड में हरक सिंह रावत की वापसी को लेकर कांग्रेस में विरोध बढ़ा. पंजाब के मुख्यमंत्री ने ईडी के छापों को साज़िश बताया है, वहीं गोवा में शिवसेना-एनसीपी के बीच चुनाव-पूर्व गठबंधन हुआ.
कलंगुट क्षेत्र से विधायक और राज्य बंदरगाह व अपशिष्ट प्रबंधन विभागों का प्रभार संभाल रहे माइकल लोबो और माइम से विधायक प्रवीण जान्त्ये ने पद और पार्टी दोनों से इस्तीफ़ा दे दिया. लोबो ने कहा कि लोग भाजपा के शासन से नाख़ुश हैं. ज़मीनी कार्यकर्ता महसूस कर रहे हैं कि पार्टी उनकी अनदेखी कर रही है.
गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप के लोग तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना और प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2020 का विरोध कर रहे हैं. निवासियों ने कहा है कि उन्हें ध्वारोहण से कोई आपत्ति नहीं है, वे खुद झंडा फहराएंगे, लेकिन वे नहीं चाहते कि केंद्र या राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि उनके अधिकार क्षेत्र में दखल दे.
इससे पहले गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा बलात्कार पीड़िताओं को लेकर दिए गए उस बयान की जमकर आलोचना हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब 14 साल के बच्चे पूरी रात समुद्र तट पर रहते हैं तो माता-पिता को आत्ममंथन करने की ज़रूरत है. आलोचनाओं के बाद उन्होंने कहा कि उनके बयान को संदर्भ से बाहर करके देखा गया.
बीते 25 जुलाई को गोवा के बेनॉलिम बीच पर चार लोगों ने ख़ुद को पुलिसकर्मी बताकर दो लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इसे लेकर सदन में कहा था कि जब 14 साल के बच्चे पूरी रात समुद्र तट पर रहते हैं तो माता-पिता को आत्ममंथन करने की ज़रूरत है. हम सिर्फ़ इसलिए सरकार और पुलिस पर ज़िम्मेदारी नहीं डाल सकते कि बच्चे नहीं सुनते.
नए क़ानून के तहत उल्लंघनकर्ताओं पर सात साल की अधिकतम सज़ा और पांच लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है. इससे कर्नाटक में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और पशुओं की तस्करी, अवैध परिवहन, गायों पर अत्याचार और पशुवध करने वालों के लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान है.
चार साल पहले महाराष्ट्र द्वारा गोहत्या विरोधी क़ानून बनाने के बाद गोवा पूरी तरह से कर्नाटक पर निर्भर हो गया था. अब कर्नाटक में भी ऐसा ही क़ानून लागू हो गया है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य में बीफ़ की आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वह भी गोमाता को पूजते हैं, लेकिन वहां की 30 फ़ीसदी अल्पसंख्यक जनता की देखभाल की ज़िम्मेदारी भी उनकी है.
बीते दिनों गोवा के लोकायुक्त पद से रिटायर हुए जस्टिस प्रफुल्ल कुमार मिश्रा ने उनके साढ़े चार साल के कार्यकाल में जिन लोक अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफारिश की, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर मौजूदा विधायक भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास अपने आदेशों को लागू करने की शक्तियां नहीं थीं.
पिछले साल अक्टूबर में जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक को गोवा का राज्यपाल बनाया गया था. अब उन्हें मेघालय का राज्यपाल बनाया गया है. पिछले कुछ समय में कोरोना वायरस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर गोवा के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता प्रमोद सावंत से उनके मतभेद खुलकर सामने आए थे.