असम के गोआलपाड़ा ज़िले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित एक घर में स्थापित ‘मिया संग्रहालय’ को सील किए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने इन गिरफ़्तारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह वर्चस्व और सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति का एक उदाहरण है.
असम के गोआलपाड़ा ज़िले में ऑल असम मिया परिषद के अध्यक्ष मोहर अली ने 'मिया संग्रहालय' की स्थापना की थी, जिनमें समुदाय से जुड़ी वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया था. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि वे वस्तुएं पूरे असमिया पहचान से संबंधित हैं न कि विशिष्ट तौर पर ‘मिया’ समुदाय से.
गोआलपाड़ा ज़िले के एसपी ने बताया कि उक्त मदरसा और उससे सटे दो मकानों का दो बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा कथित रूप से जिहादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसके विरोध में स्थानीय लोगों ने मदरसा ध्वस्त कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस और ज़िला प्रशासन इस घटना में शामिल नहीं हैं.
असम के गोआलपाड़ा ज़िले के हुरकाचुंगी माध्यमिक इंग्लिश स्कूल का मामला. स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापिका के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए गोमांस लेकर आई थीं. असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के मुताबिक उन क्षेत्रों में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बारपेटा ज़िले के चेंगा और मोरीगांव के मायोंग में बाढ़ के पानी में एक-एक बच्चे डूब गए. राज्य के 17 ज़िलों में 3.63 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. लखीमपुर में सर्वाधिक 1.3 लाख से अधिक बाढ़ से प्रभावित हैं. 950 गांव जलमग्न हैं और 30,333.36 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 14 ज़िलों में 2.58 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. लखीमपुर में सर्वाधिक 1.05 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. राज्य के 732 गांव जलमग्न हैं, कई हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हुई है और लाखों मवेशी प्रभावित हैं. डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के चलते कम से कम तीन घोड़ों की मौत हुई है.
गौहाटी उच्च न्यायालय ने जेलों में डिटेंशन सेंटर चलाने के लिए असम सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे केंद्र बनाने के बारे में दिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों में भी कहा गया है कि इन्हें जेल परिसर के बाहर बनाया जाना चाहिए.
असम की बराक घाटी स्थित हैलाकांडी, करीमगंज और सिलचर ज़िलों में हुआ भूस्खलन. लगातार बारिश की वजह से असम के कई ज़िले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक गोआलपाड़ा बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित ज़िला है, जहां से दो लाख से अधिक लोगों को विस्थापित किया गया है. दीमा हजाओ ज़िले में तीन गांवों में भूस्खलन ने 18 घर नष्ट हुए हैं, अन्य जगहों पर तीन पुल बह गए और करीब 240 किमी सड़कें क्षतिग्रस्त, अवरुद्ध या जलमग्न हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि असम के डिटेंशन सेंटरों में ऐसे 'घोषित विदेशी' जो यहां दो साल का समय गुज़ार चुके हैं, उन्हें मौजूदा हालात के मद्देनज़र सशर्त रिहा किया जाए.