असम भाजपा की अल्पसंख्यक इकाई के राज्य कार्यकारी सदस्य अंसारुल हक़ चौधरी पर सरकारी नौकरी के लिए एक व्यक्ति से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है. पिछले हफ्ते कार्बी आंगलोंग ज़िले में पुलिस ने इसी तरह के आरोप में भाजपा नेता मून इंगटिपी को गिरफ़्तार किया था.
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सीमित संसाधनों को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया है. इससे पहले ऐसा ही नियम असम सरकार द्वारा लागू किया जा चुका है.
एनसीबी के मुंबई मंडल के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े ने जाति प्रमाण-पत्र सत्यापन समिति से क्लीन चिट मिलने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री मलिक के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज किया है. मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फ़र्ज़ी जाति प्रमाण-पत्र जमा कराया था.
त्रिपुरा सरकार ने 2015 में एक अधिसूचना जारी कर शादीशुदा बेटियों को मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी का लाभ पाने से प्रतिबंधित कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि विवाहित बेटी को मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी के लाभ से वंचित करना संविधान की भावना के साथ-साथ लैंगिक समानता के ख़िलाफ़ है.
चार जनवरी को इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अचानक सड़कों पर निकल आए और ताली-थाली पीटते हुए लंबित भर्तियों को भरने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि वे रोज़गार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर सोई हुई सरकार को नींद से जगाना चाहते हैं.
बीते कुछ सालों में राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित लगभग हर बड़ी परीक्षा किसी न किसी विवाद में फंसी है, जिससे राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरियां पाने के लिए अंतहीन इंतज़ार करना पड़ रहा है.
असम मंत्रिमंडल ने राज्य की क़रीब 11 लाख महिलाओं का सूक्ष्म ऋण माफ़ करने के लिए 1,800 करोड़ रुपये और सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान पेपर मिल्स (एचपीसी) की बंद पड़ी दो इकाइयों की परिसंपत्ति अधिग्रहित करने के लिए 700 करोड़ रुपये मंज़ूर किए. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि इससे 11 लाख महिलाओं के 25 हज़ार रुपये तक के क़र्ज़ माफ़ होंगे.
मध्य प्रदेश के सतना ज़िले की एक महिला द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को राज्य की बिजली कंपनी ने यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया था कि सरकार की नीति के तहत अनुकंपा नियुक्ति का लाभ सिर्फ पुत्र, अविवाहित पुत्री, विधवा पुत्री या तलाक़शुदा पुत्री को ही दिया जा सकता है.