देश के अलग-अलग हिस्सों से जीएसटी का विरोध करने के लिए दिल्ली के चांदनी चौक में जुटे व्यापारियों से बातचीत.
जीएसटी के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को समझाने की वित्त मंत्रालय की कवायद अब तक बड़े औद्योगिक समूहों तक ही सीमित रही है.
मोदी यह समझाने की कितनी भी कोशिश करें कि उनके आने से बदलाव आया है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था से जुड़े अधिकांश क्षेत्रों में सरकार प्रगति करने के लिए जूझती नज़र आ रही है.
कारोबारियों ने सरकार को बेहतर नेटवर्क तैयार करने, जागरूकता बढ़ाने और पूरी तैयारी से आगे आने की सलाह दी है.
वैश्विक अनुभव बताते हैं कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जिन देशों में लागू किया गया वहां इसने अर्थव्यवस्था में छोटी अवधि से लेकर मध्यम अवधि तक का गंभीर व्यवधान उत्पन्न किया. भारत में जीएसटी के अधपके रूप से हमें इससे बेहतर की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
जन की बात की 26वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) विधेयक और उत्तर प्रदेश में बने एंटी रोमियो स्क्वाड पर चर्चा कर रहे हैं.
जीएसटी के फायदे और नुकसान पर आर्थिक मामलों के जानकार और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.