महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ जिलों में कोरोना वायरस मरीजों की अधिक मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दोनों राज्यों से कहा कि वे प्रारंभिक निगरानी, संपर्कों का तेजी से पता लगाने और शुरू में ही रोग निदान जैसे कदमों पर ध्यान केंद्रित करें ताकि इन क्षेत्रों में मौत के मामलों में कमी आ सके.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के रहने वाले राजू अंकलेश्वर के एक पावर प्लांट में काम करते थे. सोमवार को वे किसी को बिना बताए साइकिल से अपने गांव जाने के लिए निकले थे, इसी शाम उनका शव नेशनल हाईवे पर मिला.
महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भी लगभग 1,000 प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए थे. ये मजदूर प्रशासन से उनकी घर वापसी की मांग कर रहे थे.
गोधरा के गुहया मोहल्ले में भीड़ को क़ाबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. पुलिस ने इस संबंध में आठ लोगों को हिरासत में लिया है, इनमें तीन महिलाएं शामिल हैं.
गुजरात के कुछ इलाकों में प्रवासी मज़दूरों के सड़कों पर उतरने की घटना पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि राज्य में एक-दो छोटी घटनाएं ज़रूर हुई हैं, लेकिन इसका कारण यह नहीं है कि सरकार की मदद उन लोगों तक नहीं पहुंच रही है.
महाराष्ट्र में 13,448 औद्योगिक इकाइयों को अपना कामकाज बहाल करने की अनुमति मिली है, वहीं गुजरात के सांणद में वाहन उद्योगों ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. यहां 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम हो रहा है.
गुजरात के सूरत शहर में अप्रैल माह में प्रवासी मज़दूरों द्वारा घर भेजे जाने की मांग को लेकर यह तीसरा प्रदर्शन है. लॉकडाउन में काम कराने को लेकर मज़दूरों ने पथराव भी किया. उधर, सूरत के ही डिंडोली इलाके में लॉकडाउन लागू कराने गए पुलिसकर्मियों पर पथराव करने का मामला सामने आया है.
गुजरात के मेहसाणा ज़िले में कोरोना वायरस के लक्षणों को जांचने गई एक आशा कार्यकर्ता से बदसलूकी की गई, वहीं हरियाणा के फरीदाबाद में एनआरसी के लिए डेटा इकट्ठा करने का आरोप लगाते हुए आशा कार्यकर्ताओं की एक टीम के साथ मारपीट की गई.
सीबीएसई ने भी स्कूल फीस भुगतान तथा शिक्षकों के वेतन के मुद्दे पर संवेदनशीलता के साथ विचार करने की सलाह दी है. इसके साथ ही दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने भी निजी स्कूलों से फीस न बढ़ाने की अपील की है.
यह मामला गुजरात के अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल का है. यहां हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग वॉर्ड बनाए जाने का मामला सामने आया है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि राज्य सरकार के आदेश पर ऐसा किया गया है. सरकार ने ऐसे किसी आदेश से इनकार किया है.
बीते मंगलवार को कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा के बाद हज़ारों की संख्या में प्रवासी मज़दूर घर जाने की मांग को लेकर मुंबई के बांद्रा इलाके में सड़क जमा हो गए थे. सूरत में ही बीते 10 अप्रैल को इसी मांग के साथ मजदूरों ने हंगामा किया था.
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन और नेशनल हेराल्ड की पत्रकार एश्लिन मैथ्यू के खिलाफ यह एफआईआर गुजरात के राजकोट में दर्ज की गई है.
याचिका में यह दावा भी किया गया है कि 860 मछुआरों में से कोई भी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ है, लेकिन वे पर्याप्त भोजन या पानी के बिना अमानवीय परिस्थितियों में ईरान में फंसे हुए हैं.
मामला गुजरात के सूरत का है. लॉकडाउन के बीच वेतन और घर वापस लौटने की मांग कर रहे प्रवासी मजदूरों द्वारा तोड़फोड़ और ठेलों में आग लगाए जाने के बाद पुलिस ने उनमें से करीब 80 लोगों को हिरासत में ले लिया.
सूरत पुलिस ने महिला डॉक्टर के पड़ोस में रहने वाले एक दंपति को गिरफ़्तार किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुजरात पुलिस को विस्तृत जांच करने के और डॉक्टर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.