सरदार सरोवर बांध में बारिश का पानी भरने से मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी में बसे 192 गांव और एक कस्बे के डूबने का ख़तरा है. इससे लगभग 32 हज़ार लोग प्रभावित होंगे. सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों के बावजूद यहां रहने वाले लोग आज भी पुनर्वास का बाट जोह रहे हैं.
नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के छोटा बड़दा गांव में यह अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया है. पाटकर ने कहा कि पुनर्वास का मतलब प्रभावित परिवार को सिर्फ मुआवज़ा देना नहीं बल्कि उन्हें आजीविका भी दी जानी चाहिए.
गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के बैकवॉटर के बढ़ते स्तर से मध्य प्रदेश में इस नदी के पास स्थित हजारों पेड़ों और खेतों के अलावा रिहायशी इलाके भी डूब रहे हैं.
नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए मध्य प्रदेश के ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.
मोदी सरकार के इस कदम ने सात दशकों की आधिकारिक नीति को ख़त्म करते हुए देश को अनजान क़ानूनी और राजनीतिक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया गया है. बीते चार अगस्त से कश्मीर घाटी में धारा 144 लागू है और मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं लगभग बंद कर दिए गए हैं. भारत के अन्य राज्यों और विदेश में रह रहे कश्मीरी लोग अपनों का हाल जानने के लिए परेशान. वहीं प्रशासन का कहना है कि हालात शांतिपूर्ण हैं.
देशभर के कश्मीरी पंडितों ने उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र में शांति का माहौल स्थापित होगा और मूल स्थान पर सम्मान एवं गरिमा के साथ उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा.
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा कि सरकार 8-10 हजार लोगों की मौत के लिए तैयार है. फैसल ने लोगों से सरकार को नरसंहार का मौका न देने और जवाबी लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील की.
जिन राज्यों के लिए अनुच्छेद 371 के तहत विशेष प्रावधान किए गए हैं, उनमें से अधिकतर राज्य पूर्वोत्तर के हैं और विशेष दर्जा उनकी जनजातीय संस्कृति को संरक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है.
उत्तर प्रदेश के मुजफ़्फ़रनगर के खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी ने कहा कि मैं कश्मीर में घर बनाना चाहता हूं. वहां हर चीज खूबसूरत है- जगह, पुरुष और महिलाएं, सबकुछ.
गृहमंत्री अमित शाह के अनुसार धारा 370 के कारण जो सुविधाएं जम्मू कश्मीर की जनता को नहीं मिल सकीं, क्या वे गुजरात के नागरिकों को भाजपा के 22 सालों के शासन में मिली हैं?
मामला भरूच ज़िले के दाहेज थानाक्षेत्र का है. पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में पता चला है कि पीड़ित युवक को पास के गांव के पांच युवकों ने पीटा है. हमने उनकी तलाश शुरू कर दी है.
इसी साल मार्च में डीजी वंजारा और एनके अमीन ने सीबीआई की विशेष अदालत में एक याचिका दाखिल करते हुए उन्हें तत्काल इस मामले में बरी करने की मांग की थी. इससे पहले गुजरात सरकार ने सीबीआई को दोनों पूर्व अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सदन में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीते दो साल में पुलिस हिरासत में जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजनों को 23.50 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया गया है.
अल्पेश ठाकोर और धवल सिंह जाला जाला ने पांच जुलाई को हुए राज्यसभा उपचुनाव में कथित रूप से कांग्रेस उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ मतदान करने के बाद विधायकी से इस्तीफ़ा दे दिया था.