सोहराबुद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले में बीते साल 21 दिसंबर को सीबीआई अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया था. आरोपियों में अधिकतर गुजरात और राजस्थान के जूनियर स्तर के पुलिस अधिकारी शामिल थे.
सोहराबुद्दीन हत्या मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि इस मामले का मुख्य आधार चश्मदीद गवाह थे, जो अपने बयान से मुकर गए. नवंबर 2017 से शुरू हुई सुनवाई में 210 गवाहों की जांच की गई, जिनमें से 92 अपने बयान से पलट गए.
'अगर आप एक नेता हैं और आपकी नज़रों के सामने बड़ी संख्या में लोगों का क़त्ल किया जाता है, तब आप लोगों की ज़िंदगी बचा पाने में नाकाम रहने की जवाबदेही से मुकर नहीं सकते.'
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके जय नारायण व्यास ने नवनियुक्त रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की शैक्षणिक योग्यता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मेरे हिसाब से बैंक का प्रमुख एक योग्य अर्थशास्त्री होना चाहिए.
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने टाटा पावर, अडाणी पावर और एस्सार पावर को आयातित कोयले की ऊंची लागत का भार स्थानांतरित करने के लिए किसी तरह के क्षतिपूरक शुल्क नहीं लेने का आदेश दिया था.
वडोदरा के पादरा तहसील में स्थिति एक निजी फूड प्रोसेसिंग कंपनी ग्लोबल गौरमेट प्राइवेट लिमिटेड की पानी की टंकी में हुआ हादसा.
गुजरात में ऊना के पीड़ित दलित परिवार की तरफ से वाश्रम सरवैया ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा है कि गुजरात सरकार द्वारा किया गया एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है.
क्या अमित शाह कभी सोचते होंगे कि हरेन पांड्या की हत्या और सोहराबुद्दीन-कौसर बी-तुलसीराम एनकाउंटर की ख़बर ज़िंदा कैसे हो जाती है? अमित शाह जब प्रेस के सामने आते होंगे तो इस ख़बर से कौन भागता होगा? अमित शाह या प्रेस?
तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर केस के मुख्य जांच अधिकारी संदीप तमगड़े ने सीबीआई कोर्ट को बताया कि अमित शाह और डीजी वंजारा, दिनेश एमएन और राजकुमार पांडियन जैसे आईपीएस अधिकारी इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता थे.
सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में पूर्व मुख्य जांच अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने बताया कि अमित शाह को इस मामले में 70 लाख का भुगतान किया गया था. पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, पूर्व एसपी (उदयपुर) दिनेश एमएन, पूर्व एसपी (अहमदाबाद) राजकुमार पांडियन और पूर्व डीसीपी (अहमदाबाद) अभय चूड़ास्मा को भी फायदा हुआ था.
गुजरात दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी जकिया जाफ़री ने विशेष जांच दल के फैसले के ख़िलाफ़ उनकी याचिका ख़ारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 के फैसले को चुनौती दी है.
सोहराबुद्दीन शेख़ के भाई रुबाबुद्दीन ने अदालत को बताया कि तुलसीराम प्रजापति ने उसे बताया था कि उसके भाई को फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मारा गया है. सोहराबुद्दीन के साथी प्रजापति की भी 2006 में एक कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मौत हुई थी.
द वायर एक्सक्लूसिव: एक मुख्य गवाह के बतौर आज़म खान गुजरात के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा नेता हरेन पांड्या की हत्या से लेकर सोहराबुद्दीन शेख़ के एनकाउंटर से जुड़े कई राज़ जानते हैं. यही वजह है कि उन्हें अपनी जान पर ख़तरा नज़र आ रहा है.
हम भी भारत की 55वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी भाजपा नेता हरेन पांड्या हत्याकांड को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और द कारवां पत्रिका के राजनीतिक संपादक हरतोष सिंह बल से चर्चा कर रही हैं.
गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी ने एसआईटी द्वारा नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं और नौकरशाहों को क्लीन चिट देने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. 19 नवंबर को होगी सुनवाई