एडिटर्स गिल्ड ने कश्मीर में पत्रकारों की गिरफ़्तारी की निंदा की, उनकी तत्काल रिहाई की मांग

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर कहा गया है कि कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता का दायरा लगातार सिमटता गया है. संगठन ने ‘द कश्मीर वाला’ न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह और इसी संस्थान के एक अन्य पत्रकार सज्जाद गुल की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन से आग्रह किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों का उत्पीड़न बंद करें.

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द कश्मीर वाला न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह को गिरफ़्तार करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट 'आतंकी गतिविधियों का महिमामंडन' करते हैं और देश के ख़िलाफ़ 'दुर्भावना व अंसतोष' फैलाते हैं. पत्रकार संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.

भारतीय प्रेस परिषद ने कश्मीर में पत्रकारों के उत्पीड़न की जांच के लिए फैक्ट-फाइंडिंग टीम बनाई

भारतीय प्रेस परिषद ने जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती द्वारा इस मामले को लेकर लिखे गए एक पत्र के बाद ये कदम उठाया है. मुफ़्ती ने कहा था कि पत्रकारों का बेवजह उत्पीड़न करना एक नियम बन गया है. उनके घरों पर छापा मारकर, उन्हें तलब करके और बेहूदा ट्वीट्स जैसे तुच्छ आधारों पर पूछताछ करके, सीआईडी ​​द्वारा पत्रकारों और उनके परिवार के सदस्यों की पृष्ठभूमि की जांच करके, उनका उत्पीड़न किया जा रहा है.

कश्मीर: महबूबा का पत्रकारों की प्रताड़ना का आरोप, कहा- फैक्ट-फाइंडिंग टीम भेजे प्रेस परिषद

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि लोगों को उम्मीद थी कि भारतीय प्रेस परिषद इन मामलों पर संज्ञान लेगा, लेकिन ऐसा लगता है कि अदालतों सहित किसी भी निगरानी संस्था की जम्मू कश्मीर में पैदा हुई दर्दनाक परिस्थितियों में कोई दिलचस्पी नहीं है.